अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिश का लाभ न लेने वाले सुपरटेक बिल्डरो तथा सन वर्ल्ड बिल्डरों के प्लॉट आवंटन निरस्त करने के लिए यमुना प्राधिकरण बोर्ड की द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। वहीं परियोजना में सभी खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए उनके हिस्से को छोड़कर बाकी बचे हुए प्लॉट का आवंटन रद्द कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त ATS बिल्डर को कुल 25 प्रतिशत की राशि का भुगतान करने के लिए बोर्ड के द्वारा 31 अगस्त तक का समय दे दिया गया है। वहीं आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए 30 वर्गमीटर वाली प्लॉट योजना पर अब पानी फिर गया है। फिलहाल बोर्ड के द्वारा इस पर विस्तृत प्रस्ताव मांगा गया है।
बिल्डर परियोजना तथा सुरक्षा रियल्टी से संबंधित था प्रस्ताव:
अनिल सागर (चेयरमैन) की अध्यक्षता में हुई 81वीं बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण CEO लोकेश एम, ग्रेनो प्राधिकरण के CEO एनजी रवि कुमार, यीडा के CEO डॉ. अरुणवीर सिंह तथा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा समेत अन्य लोगों भी शामिल थे। जिन्होंने बैठक में बिल्डर परियोजना तथा सुरक्षा रियल्टी से संबंधित सबसे अहम प्रस्ताव को लेकर चर्चा की।
यमुना प्राधिकरण CEO डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया है कि यीडा क्षेत्र में 9 बिल्डर परियोजना व 6 सबलेसी परियोजनाएं शामिल हैं। शासन के द्वारा अधूरी बिल्डर परियोजना को पूरा कराने तथा खरीदारों को घरों पर उनका कब्जा देने के लिए ही अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू किया गया है।
4 बिल्डरों ने किया है लाभ के लिए आवेदन:
बता दें कि 9 में से 4 बिल्डरों ने समिति की सिफारिशों का फायदा लेने के लिए आवेदन भी किया है। वहीं ATS पर बकाया राशि की गणना गलत हो जाने के कारण उसे 25 प्रतिशत की राशि का भुगतान करने के लिए करीब 60 दिन का समय दिया गया है। 2 बिल्डर का मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है।
इसके साथ ही सुपरटेक बिल्डर के सेक्टर 22 D तथा सन वर्ल्ड बिल्डर के 100-100 एकड़ वाले अभी आवंटनों को निरस्त करने का भी फैसला किया गया है। बता दें कि इन दोनों ने अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन भी नहीं किया है।
वहीं परियोजना में फ्लैट खरीदारों के हितों को भी सुरक्षित रखने पर ध्यान दिया गया है। इसलिए उनसे जुड़े हुए प्लॉट का आवंटन रद्द नहीं किया गया है। सभी 6 सबलेसी भी कमेटी की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए अपना आवेदन कर चुके हैं।
सुरक्षा रियल्टी से संबंधित प्रस्ताव पर शासन करेगा फैसला:
JP इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर चुकी सुरक्षा रियल्टी से भी संबंधित प्रस्ताव को बोर्ड के द्वारा शासन को भेजने का फैसला किया गया है। वहीं अगर शासन इसे स्वीकार करता है तो NCLAT के फैसले को लागू कर दिया जाएगा, और यदि शासन ने इसको अस्वीकार किए तो इसके खिलाफ न्यायालय में अपील भी की जाएगी।
इस फैसले से करीब 20 हजार फ्लैट खरीदार तथा 10 हजार किसान सीधे जुड़े हुए हैं। यमुना प्राधिकरण के द्वारा सुरक्षा रियल्टी से करीब 6111 करोड़ रुपये का दावा किया गया था। NCLAT ने अतिरिक्त मुआवजा राशि वितरण के लिए कुल 1334.31 करोड़ रुपयों के भुगतान का सुरक्षा रियल्टी को आदेश भी दिया है।
YEIDA को देने होंगे सलाहकार एजेंसी के 17 करोड़ रुपये:
CEO ने बताया है कि करीब 1689 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा राशि का वितरण भी होना है। YEIDA के द्वारा अपने पास से 21 प्रतिशत राशि सभी किसानों को वितरित किया जाएगा। वहीं इसके अतिरिक्त YEIDA को 27 करोड़ रुपये लीजरेंट का भी भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सलाहकार एजेंसी के करीब 17 करोड़ रुपये भी YEIDA को ही देने होंगे। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर 2024 में एक्सप्रेस वे तथा LFD के प्रभावित सभी किसानों को उनकी पहली किस्त की राशि भी जारी कर दी जाएगी।