ग्रेटर नोएडा: शहर में बढ़ते अवैध निर्माण अतिक्रमण को हटाने के दौरान ग्रेनो प्राधिकरण की टीम तथा ग्रामीणों के बीच में तीखी नोक झोंक के बाद मामला पत्थरबाजी तक पहुंच गया जिसमें कुछ लोगों के घायल होनें की खबर भी निकल कर सामने आ रही है।
दरअसल इस झड़प में प्राधिकरण के कई सुरक्षाकर्मी तथा कई ग्रामीण भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिसके बाद किसानों के द्वारा बिसरख थाने का घेराव किया गया तथा घायल ग्रामीणों के पक्ष में आवाज उठाते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
दरअसल इटेडा गांव में मौजूद अतिक्रमण को हटाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम वहां गई थी। प्राधिकरण को सूचना थी कि वहां पर खसरा नम्बर 435 पर कुछ लोगों के द्वारा अवैध तरीके से प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर कब्जा कर लिया गया है जिसके बाद प्राधिकरण की मुआवजा उठी हुई भूमि पर अवैध रूप से निर्माण करके दुकानें भी बना ली गई।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम इसी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर कब्जा मुक्त कराने के लिए बुलडोजर लेकर वहां मौके पर पहुंची इस दौरान उनके साथ बिसरख पुलिस तथा प्राधिकरण के कई सुरक्षाकर्मी एवं कर्मचारी समेत आवश्यक बल मौजूद रहा।
जब प्राधिकरण की टीम द्वारा बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से बनी दुकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया गया तो इसके बाद वहां ग्रामीण भी मौके पर आ पहुंचे। उन लोगों ने प्राधिकरण की कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे बात आगे बढ़ गई और झड़प शुरू हो गई जिसका परिणाम किसान और प्राधिकरण कर्मचारी के घायल होने के रुप में सामने हैं।
थोड़े देर में ही शुरू हो गया पथराव
विरोध बढ़ने के साथ ही ग्रामीणों तथा प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच जमकर विवाद शुरू हो गया। यह विवाद थोड़े ही समय में इतना बढ़ गया कि मामला पथराव तक पहुंच गया। पथराव के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से कई लोग घायल भी हो गए।
ऐसा बताया जा रहा है कि पथराव के दौरान एक ग्रामीण के सिर पर काफी गंभीर चोट भी आई इसके साथ ही प्राधिकरण के भी 3 सुरक्षाकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।
क्या है किसानो का पक्ष?
पूरे प्रकरण में किसान के घायल होने के कारण किसान सभा के अनेकों कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए तथा उन्होंने बिसरख थाने का भी घेराव किया उन्होंने नारेबाजी करते हुए प्राधिकरण के कई कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
किसानों का कहना है कि प्राधिकरण के द्वारा जबरन आबादी वाली जमीन पर बनी हुई कई दुकानों को तोड़ा गया जिसका विरोध किसानों के द्वारा किया गया तो प्राधिकरण के सुरक्षाकर्मियों ने किसान के सिर पर वार कर दिया जिस वजह से किसान घायल हो गए।
कार्रवाई करने तक जारी रखेंगे धरना
दरअसल भारी संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता तथा समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता बिसरख थाने पहुंच गए। वहां पर उन्होंने साफ तौर पर यह कहा है कि जब तक सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जायेगी तब तक वह यहीं पर धरना देते रहेंगे।
जानते हैं क्या है प्राधिकरण का पक्ष?
वहीं दूसरी ओर प्राधिकरण की तरफ से यह बताया गया है कि प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर अवैध तरीके से कई दुकानें बनाई गई हैं प्राधिकरण को जब इसकी जानकारी मिली तो प्राधिकरण के द्वारा उन्हीं अवैध दुकानों को तोड़ा जा रहा हैं।
प्राधिकरण की कार्यवाही के दौरान कुछ लोगों ने प्राधिकरण की टीम पर जमकर पथराव कर दिया। उन्होंने बताया कि फिलहाल तो बिसरख पुलिस के द्वारा मामले की जांच की जा रही है। उनका कहना है कि मामले की जांच के बाद जो भी सामने आएगा उसको आधार बना कर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।