मोटो जीपी रेस आयोजनकर्ता कंपनी हो सकती हैं ब्लैक लिस्ट : 37 करोड़ की देनदारी गबन के लगे आरोप, प्राधिकरण जल्द भेजेगा शासन को रिपोर्ट?
मोटो जीपी रेस आयोजनकर्ता कंपनी हो सकती हैं ब्लैक लिस्ट

ग्रेटर नोएडा: दुनिया के बेहद पसंदीदा और चर्चित खेलों में से एक मोटो जीपी रेस का आयोजन पहली बार भारत में कराने वाली कंपनी फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स चर्चा में हैं दरअसल इस कंपनी को लेकर बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही हैं जोकि 11 कंपनियों के 37 करोड़ की देनदारी बकाए से जुड़ी हैं।

 इस कंपनी के द्वारा पिछले साल सितंबर माह में हुए मोटो जीपी रेस आयोजन की तैयारियों में शामिल होने वाली 11 कंपनियों के करीब 37 करोड़ रुपये दबा लिए गए हैं। इतना ही नहीं आयोजन के दौरान अलग-अलग कामों में लगी कंपनियों के सामान को भी गैर कानूनी तरीके से रखवा भी लिया गया था।

यमुना प्राधिकरण ने गठित की जांच टीम

आपको बता दें कि कंपनी के इस गबन के बारे में जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह की शिकायत के बाद जब यह पूरा खुलासा हुआ तो यमुना प्राधिकरण का द्वारा गठित की गई टीम ने जांच शुरू की जिसमे कई खुलासे सामने आए।

दरअसल सितंबर 2023 माह में मोटो जीपी रेस के आयोजन के बाद बकाए को लेकर अलग- अलग कंपनियों के प्रतिनिधि यमुना प्राधिकरण पहुंचे थे। इसके बाद जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह द्वारा भी प्राधिकरण के साथ साथ शासन को भी पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच की मांग की गई थी। जिसके बाद ही प्राधिकरण की टीम के द्वारा इस मामले में गहन जांच पड़ताल करके अपनी रिपोर्ट तैयार की गई है।

रिपोर्ट में कंपनी को लेकर किए गए बड़े खुलासे

टीम के द्वारा जांच के बाद प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मोटो जीपी रेस की व्यवस्था में लगी कुल 11 कंपनियों का करीब 37 करोड़ रुपए अभी बकाया है। इस खुलासे के बाद प्राधिकरण के द्वारा कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जायेगी।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के ट्रैक का भी तकरीबन 18 करोड़ रुपये किराया अभी भी बकाया है। इसके साथ ही जेपी बिल्डर को भी ट्रैक का किराया अभी तक नहीं दिया गया है। 

इसी प्रकार एगकॉन एक्यूपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, नवीन ट्रिमिक्स फ्लोरिंग, शक्ति ग्रीन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, रवींद्र सिंह ट्रिमिक्स के द्वारा ट्रैक के रखरखाव के लिए करीब 2 माह तक के लिए अपनी मशीनें किराये पर दी थीं, जिसका किराया भी अभी बकाया है। जो लगभग 5 करोड़ रुपए के आस पास है। 

इसके साथ ही रेस के दौरान सुरक्षा संबंधी सेवाओं के लिए भी कंपनियों के साथ समझौता हु था। दरअसल इसके लिए नेशनल डिटेक्टिव सिक्योरिटी एंड एलाइन मैनेजमेंट नामक कंपनी से करीबन 22.49 लाख रुपए का एग्रीमेंट हुआ था। जिसका अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है।

वहीं दूसरी और सालिटियर इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन के द्वारा ट्रैक की मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य किया गया था। जिसके लिए उसे 6 करोड़ रुपए का भुगतान करना था, जो कि अभी तक नहीं किया गया है। 

लोगों के रहने के लिए हितांशी ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा रेस के दौरान अपने होटल रूम किराये पर दिए गए थे, जिसके लिए करीब 53.33 लाख रुपयों का भुगतान करना अभी बाकी है।

वहीं हाउसकीपिंग के लिए विश्वकर्मा फैसीलिटी प्राइवेट लिमिटेड का करीब 20 लाख रुपए फिलहाल बकाया है। इसके अतिरिक्त संभल के गुन्नौर निवासी योगेंद्र यादव तथा नोएडा के सेक्टर-34 का निवासी विवेक कुमार सिंह तथा देवेंद्र सिंह के द्वारा RCC की डायमंड कटिंग का कार्य किया गया था। काम पूरा होने के बाद उनका सामान भी गैरकानूनी तरीके से रख लिया गया था। 

आपको बता दें कि सितंबर 2024 में प्रस्तावित मोटो जीपी बाइक रेस के आयोजन के लिए एक कंपनी का चयन किया जाना है। ऐसे में प्राधिकरण के द्वारा अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपकर यह बताया जाएगा कि पहली रेस कराने वाली कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत ज्यादा खराब है। इसके चलते किसी अच्छी कंपनी का चयन किया जाना चाहिए।

प्राधिकरण ने भी कंपनी को दिए करीब 11.75 करोड़ रुपए:

दरअसल फेयर स्पोट्र्स स्ट्रीट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा रेस के आयोजन से पहले यह दावा किया गया था कि मोटो जीपी रेस होने पर ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में करीबन 250 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। 

इसी निवेश के लालच में औद्योगिक विकास विभाग के द्वारा यमुना प्राधिकरण से करीब 11.75 करोड़ रुपये लिए गए। जिसके बाद उन रूपयों को कंपनी को सौंप दिए गए थे। हालांकि प्राधिकरण के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि इस आयोजन से अभी तक किसी भी प्रकार का कोई निवेश नहीं आया है।

प्राधिकरण की टीम आज करेगी मुआयना:

आपको बता दें कि प्राधिकरण की टीम के द्वारा आज मौका मुआयना किया जायेगा। दरअसल जांच रिपोर्ट को पुख्ता करने से पहले प्राधिकरण की टीम के द्वारा भी बुधवार को बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का मौका मुआयना किया जायेगा। 

मुआयना हो जाने तथा रिपोर्ट पर संतुष्टि मिल जाने के बाद इस रिपोर्ट को 2 जून के दिन मुख्य सचिव डॉ. दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष भी प्रस्तुत की जाएगी, तत्पश्चात कोई उचित निर्णय किया जायेगा।

कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भेजी जायेगी संस्तुति:

यमुना प्राधिकरण के CEO डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि रिपोर्ट को आधार बना कर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की संस्तुति दी जायेगी। साथ ही कंपनी KI जांच के बाद तैयार रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी।

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में जिन जिन लोगों का बकाया अभी तक शेष है, उनकी भी एक पूरी
रिपोर्ट तैयार की गई है, जिस पर जल्द ही काम शुरू किया जायेगा।

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