आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर में एक और एग्जीविशन कन्वेंशन सेंटर बनाने का रास्ता अब साफ हो गया है। दरअसल बीते दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड द्वारा सेक्टर चाई में 25 एकड़ की जमीन पर नए एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई हैं और अब यह प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा।
दरअसल ग्रेनो प्राधिकरण की इस बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस लेख में हम उन्हीं महत्वपूर्ण प्रस्तावों एवं फैसलों की बात करेंगे तथा साथ ही जानेंगे कि बैठक में किन किन प्रस्तावों पर बोर्ड ने अपनी मुहर लगाई।
135वीं बोर्ड बैठक में शामिल रहे सभी उच्च पदाधिकारी
बता दें कि बीते दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में 135वीं बोर्ड बैठक संपन्न हुई जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO एनजी रवि कुमार के साथ नोएडा प्राधिकरण के CEO डॉ. एम लोकश तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ACEO मेधा रूपम एवं ACEO सौम्य श्रीवास्तव, ACEO अन्नपूर्णा गर्ग, ACEO श्रीलक्ष्मी वीएस भी मौजूद रहे साथ ही YEIDA के ACEO कपिल सिंह के साथ जीएम वित्त विनोद कुमार तथा जीएम प्लानिंग लीनू सहगल, OSD संतोष कुमार, OSD नवीन कुमार सिंह सहित कई अन्य महत्वपूर्ण सदस्य भी बैठक में शामिल रहे।
1)आखिर क्यों पड़ी एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर बनाने की जरूरत?
दरअसल बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिनमें एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर बनाने वाला प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। दरअसल, वैश्विक पटल पर उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा का नाम भी तेजी के साथउभर रहा है। आए दिन नेशनल तथा इंटरनेशनल के कई इवेंट ग्रेटर नोएडा सिटी में होते रहते हैं।
आपको बता दें कि इन इंटरनेशनल इवेंट के आयोजनों हेतु वर्तमान में फिलहाल एकमात्र जगह ही है जो नॉलेज पार्क में इंडिया एक्सपो मार्ट के रूप में जानी जाती है। वहीं अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द ही शुरू होने जा रहा है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा में VIP देशी एवं विदेशी मेहमानों की भी आवाजाही और बढ़ जाएगी।
इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा की आबादी भी लगातार तेजी से बढ़ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2050 तक ग्रेटर नोएडा की बढ़ती आबादी करीब 40 से 50 लाख तक हो जाएगी। इन सभी बातों को ही ध्यान में रखते हुए यहां पर एक और नए एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर की जरूरत अपरिहार्य हो गई हैं।
25 एकड़ की एरिया पर बनेगा यह एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर:
दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए ही इसे मंजूरी दी है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चाई में करीब 25 एकड़ के एरिया पर इस एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर का निर्माण किया जायेगा।
इस एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर में होटल तथा एक बड़े गार्डन की सुविधा भी होगी। दरअसल इस आशय का प्रस्ताव बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के समक्ष रखा गया, जिस पर बोर्ड के द्वारा अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी गई अर्थात ग्रेटर नोएडा में आने वाले समय में एक और एग्जीविशन कनवेंशन सेंटर जल्द बन कर सामने आएगा।
2) ग्रेनो में सभी श्रेणियों के आवंटन दरों में करीब 5 फीसदी की वृद्धि
दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए संपत्ति के आवंटन के लिए दरें निर्धारित कर दी गई है। बता दें कि सभी प्रकार की संपत्तियों की वर्तमान दरों में करीबन 5.30 फीसदी का एक मामूली इजाफा किया गया है।
आपको बता दें कि ग्रेनो प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी गई है। इसके बाद अब वित्त विभाग की ओर से शीघ्र ही इस आशय का एक कार्यालय आदेश भी जारी हो जाएगा। इसके साथ ही ये नई दरें बीते 1 अप्रैल से ही लागू मानी जायेगी।
दरअसल ग्रेटर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा वेस्ट में विकास से जुड़ी हुई कई परियोजनाएं जल्द ही तेजी के साथ आने वाली हैं। इसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो तथा मल्टीमॉडल लाजिस्टक हब के साथ ही ट्रांसपोर्ट हब जैसी अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाएं भी शामिल की गई हैं।
इन सभी विकास परियोजनाओं को देखते हुए ही प्रत्येक वित्तीय वर्ष मेें संपत्ति की आवंटन दरें निर्धारित की जाती हैं। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी औद्योेगिक, आवासीय तथा वाणिज्यिक एवं संस्थागत तथा बिल्डर आदि जैसी सभी संपत्तियों की वर्तमान आवंटित दरों में 5.30 फीसदी की मामूली बढ़त वाले प्रस्ताव को बोर्ड के द्वारा मंजूर कर लिया गया है।
3) एकमुश्त लीज रेंट का पेमेंट करने पर वार्षिक लीज रेंट का 15 गुना:
दरअसल नोएडा प्राधिकरण की तरह ही अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा भी एकमुश्त लीज रेंट का भुगतान करने पर सालाना लीज रेंट का 15 गुना लेने का निर्णय लिया गया है। आपको बता दें कि अभी तक यह सिर्फ वार्षिक लीज रेंट का 11 गुना ही था। हालांकि बोर्ड का यह फैसला 3 माह के बाद लागू होगा।
बता दें कि इस अवधि में जो भी आवंटी एकमुश्त लीज रेंट का भुगतान करना चाहते हैं, वह वर्तमान में वार्षिक लीज रेंट का सिर्फ 11 गुना के हिसाब से ही अपना भुगतान कर सकते हैं। साथ ही आवासीय संपत्तियों को फिलहाल इससे बाहर रखा गया है। बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार उन पर अभी पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।
4) आवासीय भूखंडों पर लीज डीड तथा कार्यपूर्ति के लिए मिली राहत:
दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा उन सभी आवंटियों को बड़ी राहत दे दी गई है, जिन्होंने अभी तक किसी कारण से अपने आवासीय भूखंड अथवा भवनों की लीज डीड नहीं कराई है या फिर किसी कारण से उस पर निर्माण पूरा करके कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र नहीं प्राप्त किया है।
बोर्ड के द्वारा इन सभी आवासीय भूखंड अथवा भवनों की लीज डीड हेतु विलंब शुल्क के साथ ही 30 अक्तूबर 2024 तक तथा कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र न ले सकने वालों को 30 जून 2026 तक का समय दे दिया गया है।
आपको बता दें कि इससे अल्फा, बीटा, गामा तथा डेल्टा एवं स्वर्णनगरी आदि में मौजूद भूखंड के आवंटियों को एक बार फिर से मौका मिल गया है। बैठक के बाद मिली सूचना के अनुसार इस मौके के बाद उनके आवंटन निरस्त कर दिए जाएंगे।
5) कार्गो टर्मिनल विकसित करने को मिली मंजूरी:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा दादरी के ICD के समीप गति शक्ति कार्गो टर्मिनल को विकसित करने के लिए भी मंजूरी दे दी गई है। दरअसल पीएम गति शक्ति योजना के तहत यहां करीब 260 एकड़ जमीन पर कार्गो टर्मिनल को विकसित किया जाएगा।
बता दें कि यह भूमि पाली तथा मकौड़ा गांव के पास स्थित है। इससे करीब 15 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। इसके बनने से यहां का क्षेत्र NCR रीजन का भी मुख्य लॉजिस्टिक हब बन जाएगा।
इसके साथ ही यहां पर एक्सप्रेसवे तथा DFC कॉरिडोर से माल भाड़े तक आवागमन की सुविधा भी होगी। बोर्ड के द्वारा लिए गए इस फैसले को फिलहाल शासन के पास भेजा जाएगा। वहां से अप्रूवल मिलने के बाद ही इस पर अमल किया जाएगा।
6) किसान आबादी वाले भूखंड के बढ़े हुए एरिया पर मिलेगा पास के सेक्टर का आवंटन रेट
दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा किसान आबादी के अंतर्गत मौजूद आवंटित भूखंडों के लीज प्लान में अब बढ़े हुए क्षेत्रफल के लिए भी दरें निर्धारित कर दी गई हैं।
अब यदि किसान आबादी वाले भूखंड के क्षेत्रफल में अधिकतम 10 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है तो ACEO के अनुमोदन से इसके निकटतम आवासीय सेक्टर की मौजूद आवंटन दरों के हिसाब से ही कीमत को आवंटित किया जाएगा।
वहीं यदि इस एरिया में 10 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि होती है तो CEO के अनुमोदन के बाद निकटतम आवासीय सेक्टर की आवंटन दरों के मुताबिक ही कीमत लेकर सभी को आवंटित किया जाएगा। इससे पहले दरें निर्धारित न होने के कारण बढ़े हुए एरिया को आवंटित करने में कई दिक्कतें आती थी।
7) सभी 58 सेक्टरों में होगी गंगाजल की आपूर्ति
जल विभाग की ओर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड को गंगाजल की वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया गया है। जिसके अनुसार इस 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना के अंतर्गत कुल 58 आवासीय सेक्टरों में से अभी तक करीब 44 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति भी की जा रही है।
वहीं विभाग ने बताया कि इस साल के अंत तक इन सभी 58 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति भी शुरू कर दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी परियोजना के तहत गंगाजल पहुंचाने की योजना पर तेज़ी से काम शुरू हो गया है।
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेें 3 रिजर्वायर तथा ग्रेटर नोएडा ईस्ट में 1 रिजर्वायर बनाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। जैसे ही टेंडर को स्वीकृति मिलती है उसके बाद काम शुरू कर दिया जायेगा। अनुमान लगाया गया है कि काम शुरू होने के बाद रिजर्वायर बनाने में करीब 6 माह का समय लग जायेगा।
8) पेट (पालतू जानवर) के लिए जल्द शुरू होगा रजिस्ट्रेशन:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा जल्द ही पेट रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया जा रहा है। वहीं संशोधित पेट रजिस्ट्रेशन पॉलिसी को भी प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा मंजूर कर लिया गया है।
आपको बता दें कि पूर्व में अनुमोदित पॉलिसी में नागरिकों तथा आरडब्ल्यूए/एओए एवं एनजीओ आदि से प्राप्त होने वाले सुझावों को भी सम्मिलित करते हुए बोर्ड के समक्ष इसका प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बोर्ड की बैठक में स्वीकार कर लिया गया है।
दरअसल इस संशोधित पॉलिसी के अनुसार अब पेट में रजिस्ट्रेशन के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को 3 माह के बजाय अब पूरे साल भर के लिए कर दिया गया है। किंतु यदि किसी के द्वारा पेट रजिस्टर्ड होने की शिकायत की गई तो उसकी जांच करके 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
आपको बता दें कि पेट को सर्विस लिफ्ट से ही ले जाया जाएगा। वहीं यदि लिफ्ट मेें कोई व्यक्ति पहले से मौजूद है तो पेट के साथ कोई दूसरा व्यक्ति नहीं जाएगा। हालांकि अगर आपस में दोनों की सहमति बन जाती है तो दोनों एक साथ लिफ्ट से जा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त एओए/आरडब्ल्यूए तथा वहां के निवासी एक साथ मिलकर पेट फीडिंग प्वाइंट को चिंहित करेंगे। NGO की मदद से PPP मॉडल के आधार पर एक शेल्टर होम भी बनाया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण वहां जमीन देगा तथा इसके संचालन से संबंधित जिम्मेदारी NGO की रहेगी।
9) ग्रेनो वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के पास अतिरिक्त FAR पर भी लगी मुहर
दरअसल नोएडा से लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक प्रस्तावित मेट्रो रूट के बिल्कुल पैरलल 500 मीटर तक की दूरी में सभी श्रेणी के भूखंडों हेतु अतिरिक्त FAR पर भी प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा मुहर लगा दी गई है।
दरअसल इसके अंतर्गत आवासीय ग्रुप हेतु 0.5 तथा वाणिज्यिक के लिए 0.2 एवं संस्थागत के लिए 0.2 से लेकर 0.5 तक, मनोरंजन अथवा ग्रीनरी के लिए 0.2 तथा आईटी/आईटीईएस हेतु करीब 0.5 अतिरिक्त FAR की BHI अनुमति दे दी गई है।
10) मोबाइल टॉवर पॉलिसी को भी बोर्ड ने दी मंजूरी
बैठक में ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा मोबाइल टॉवर लगाने की वाली पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी गई है। अब मनमानी तरीके से कोई भी मोबाइल कंपनी अपना टॉवर नहीं लगा सकेंगी।
वहीं दूसरी ओर अब किसी भी पार्क अथवा ग्रीन बेल्ट में कोई भी मोबाइल टॉवर लगवाने हेतु मोबाइल सेवा ऑपरेटर कंपनी के द्वारा तय प्रारूप पर CEO के समक्ष आवेदन करना पड़ेगा।
वहीं किसी व्यावसायिक, संस्थागत अथवा औद्योगिक सेक्टरों में बने भावनों पर मोबाइल टावर लगाना हो तो उसके लिए पट्टाधारक की तरह से संयुक्त आवेदन किया जाएगा। साथ ही पट्टाधारक को एक शपथपत्र भी देना होगा।
इसके अतिरिक्त आवेदक को 3 लाख रुपए की बैंक गारंटी क्षतिपूर्ति के रूप में ग्रेनो प्राधिकरण के खाते में जमा करनी पड़ेगी। इसके साथ ही स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट को भी प्रस्तुत करना पड़ेगा। प्राधिकरण बोर्ड ने अपनी बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है।
11) हापुड़ में रिजर्व पुलिस लाइन तथा जिला कारागार के लिए मिली NOC:
ग्रेनो प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में हापुड़ के अकड़ौली में एक रिजर्व पुलिस लाइन के साथ ही जिला कारागार भी प्रस्तावित किया गया था। दरअसल अकडौली गांव ग्रेटर नोएडा के फेज 2 का हिस्सा है। आपको बता दें कि हापुड़ प्रशासन की ओर से NOC के लिए आवेदन किया गया है। फिलहाल NOC वाले प्रताव पर प्राधिकरण बोर्ड के द्वारा अब मुहर लगा दी गई है।