नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। शायद ये ख़बर सुनने के बाद यहां के लोगों को बहुत बड़ी राहत मिल सकती है। जहां अब तक यहां के लोगों को इलाज के प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता था या फिर उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल जाना पड़ता था। लेकिन अब सरकार के ओर से एक तोहफा दिया गया है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा के कासना स्थित राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान (जिम्स) के परिसर में 56 एकड़ जमीन में बनने वाले 700 बेड अस्पताल का बनने का रास्ता साफ हो गया है। यहां तक कि अस्पताल प्रशासन को जमीन पर कब्जा भी मिल गया है। ना जाने कब से गौतमबुद्धनगर जिला और आसपास के ज़िले के लोगों को एक बेहतर अस्पताल का इंतजार था लेकिन अब जाकर उनका ये इंतजार खत्म होगा।
गौरतलब है कि इस माह के अंत तक अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। बताते चलें कि कि निर्माण कार्य के प्रथम चरण में क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) और नर्सिंग कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। वहीं एम्स की तर्ज पर बनने वाले इस अस्पताल के तैयार हो जाने के बाद गौतमबुद्धनगर ही नहीं आसपास कई जिलों के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। हालांकि दो साल के मशक्कत के बाद जिम्स प्रशासन को 700 बेड का अस्पताल बनाने के प्राधिकरण से 56 एकड़ जमीन का कब्जा मिल गया है। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है जिम्स प्रशासन इसके लिए पिछले दो सालों से लगी हुई थी कि उन्हें प्राधिकरण की ओर से किसी तरह जमीन पर कब्जा मिल सके। वहीं अब जाकर जिम्स प्रशासन को जमीन पर उनका हक मिला। जिससे आसपास के लोग भी काफी खुश हैं।
बता दें कि अब जिम्स में 100 बेड का सीसीयू, 100 बच्चों का नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, 200 फैकल्टी के रहने की व्यवस्था, पैरामेडिकल कॉलेज, हॉस्टल, लाइब्रेरी आदि बनाए जाएंगे। अस्पताल प्रशासन के अनुसार नोएडा के जिम्स में 2019 से एमबीबीएस की पढ़ाई चल रही है । इसके साथ ही नर्सिंग कॉलेज और पैरा मेडिकल की पढ़ाई भी चल रही है। हालांकि राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए कॉलेज भवन, लाइब्रेरी और हॉस्टल आदि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय परिसर के पास के एक भवन को किराए पर लिए हुआ हैं। जबकि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज के लिए खुद का भवन होना चाहिए।
इसी साल 25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जिम्स में 100 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट बनाने के लिए शिलान्यास किया गया है। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि इसका निर्माण कार्य मार्च के अंत में शुरू हो जाएगा। इसका निर्माण हो जाने के बाद जिले के गम्भीर हालत में मरीजों को दिल्ली और आसपास के प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर काटने से बच जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार करीब एक साल में मरीजों को सीसीयू में सुविधा मिलने की संभावना है। वहीं जिस तरह से सरकार के द्वारा यहां के लोगों को यह तोहफा दिया गया है उससे गौतमबुद्ध नगर ही नहीं आसपास के जिले के लोग भी काफी खुश हैं। और सरकार का आभार मान रहे हैं। इनका कहना है कि वो काफी समय से एक अच्छे अस्पताल का इंतजार कर रहे थे। खास करके आम लोगों को इससे बहुत लाभ मिलेगा।