ग्रेटर नोएडा -ब्रेकिंग: ग्रेनो प्राधिकरण ने अवैध निर्माण में लिप्त 9 कॉलोनाइजर पर दर्ज कराई एफ आई आर, गैंगस्टर एक्ट की तैयारी: धड़ल्ले से काट रहे थे अवैध कॉलोनियां
ग्रेटर नोएडा -ब्रेकिंग

ग्रेटर नोएडा से काफी हैरान कर देने वाली एक खबर और सामने आ रही है। दरअसल बिसरख गांव के खसरा संख्या 773 पर कालोनाइजरों ने प्राधिकरण की कब्जा वाली लगभग 45 हजार वर्गमीटर भूमि पर विला बनाकर उसे बेच दिया है।

समझते हैं पूरा प्रकरण:

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इसमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि प्राधिकरण ने इस जमीन का मुआवजा भी बांटा है। करीब 45 हजार वर्गमीटर भूमि को कालोनाइजर ने लगभग रूपये 1 लाख प्रति वर्गमीटर की दर पर बेच दिया जहां पर अब विला एवं घरों का निर्माण हो गया है। वहीं दूसरी ओर प्राधिकरण के अनुसार मार्केट रेट के हिसाब से जमीन की कीमत देखी जाए तो यह करीबन डेढ़ लाख से लेकर दो लाख रुपये प्रति वर्गमीटर तक है। मतलब देखे तो लगभग 400 करोड़ रुपये का मुनाफा भूमि बेच कर कालोनाइजर ले गए तथा ग्रेनो प्राधिकरण के कर्मचारियों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से प्राधिकरण को ही तकरीबन 700 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।

प्राप्त सूचनाओं में अनुसार कालोनाइजर के साथ ही इस भूमि की खरीदफरोख्त हेतु प्राधिकरण के पूर्व अधिकारियों तथा कर्मचारियों के बीच भी करीब करोड़ों रुपये बांटे गए हैं। बता दें कि इस जमीन पर अवैध कब्जा वर्ष 2018 से 2022 के बीच हुआ है। जिसकी जब प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा जांच शुरू की गई तो मामले सामने आया। पुरानी फाइलों तथा अधिकारियों के रिकार्ड को भी अब अच्छे से खंगाला जा रहा है। 
जमीन से जुड़े कालोनाइजर को भी चिह्नित किया जा रहा है तथा उन सभी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं प्राधिकरण के भी जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आएगी उन सभी अधिकारियों को भी निलंबन कर दिया जाएगा।

इन लोगों के खिलाफ मामला पहुंचा थाने:

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख गांव में खसरा संख्या 773 पर अवैध रूप से कॉलोनी काटी जा रही थी। इसकी एक वीडियो को इंटरनेट पर प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। जिसके बाद अब इस मामले में एक्शन ले लिया गया है। इसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने करीब 9 लोगों के खिलाफ कोतवाली में शिकायत भी दर्ज की है। 

प्राधिकरण के सह प्रबंधक गौरव बघेल ने मीडिया को बताया कि उनको एक वीडियो सोशल मीडिया के द्वारा मिला। जिसमें देखा जा सकता था कि कुछ लोग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने देवेंद्र, कुलदीप तथा आदेश, भारत, गिरीश चंद्र एवं अभिषेक सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। 

गौरव बघेल की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भूमि पर यह लोग 

अवैध तरीके से विला, कॉलोनी एवं फ्लैट बनाकर लोगों को बेच रहे थे। यह लोग उत्तराखंड तथा ग्रेटर नोएडा के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया की पुलिस ने शिकायत के बाद जांच शुरू कर दी।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने भू-माफियाओं पर शिकंजा:

विदित है की ग्रेटर नोएडा में बहुत तेजी से वहां अवैध निर्माण कार्य हो रहा है। जिसमे काफी लोगों ने सरकार की भूमि पर अवैध कालोनियां तथा विला भी बना दिए हैं। जिनको तोड़ने का कार्य ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अब किया जा रहा है। 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ श्री रवि कुमार एनजी ने बताया है कि जहां पर भी प्राधिकरण को अवैध अतिक्रमण की शिकायत मिलती है, वहां पहले तो जांच की जाती है तथा उसके बाद तत्काल रूप से एक्शन लिया जाता है। उन्होने बताया अभी तक एक हजार करोड़ से भी अधिक की जमीन को अथॉरिटी द्वारा वापस अपने कब्जे में ले ली गई है तथा यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। 
एक तरफ जहां तेजी के साथ हो रहे अवैध अतिक्रमण को रोकने का काम प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर माफियाओं के भी हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे है। यह भी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लिए एक बड़ी चुनौती है।

इसको लेकर अन्नपूर्णा गर्ग तथा एसीईजी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा कहा गया है कि प्राधिकरण ने इसपर जांच शुरू कर दी है। कालोनाइजर ने यह जमीन बेचकर जहां पर भी संपति खरीदी है, प्राधिकरण द्वारा उन्हें जब्त कर लिया जाएगा तथा रजिस्ट्री में जो लोग गवाह बने हुए हैं वह सभी भी जांच के दायरे में आएंगे। पुलिस कमिश्नर तथा जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कालोनाइजर पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई कराई जाएगी।

करीब 64 प्रतिशत तक जमीन का मुआवजा भी दे चुका प्राधिकरण:

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया की साल 2010 में बिसरख की इस जमीन का अधिग्रहण किया गया था। यह तीन हेक्टेयर से अधिक लगभग 45 हजार वर्गमीटर भूमि है। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा किसानों को मुआवजा देने के साथ ही वहां 64 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा भी बांटा था। जिसके बाद इस जमीन पर प्राधिकरण ने कब्जा भी कर लिया था। बताया जा रहा है की प्राधिकरण के ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों की साठ गांठ से ही वर्ष 2018 के शुरुआत में ही उस जमीन पर कालोनियां कटने लगीं। जिसकी शिकायत किसानों ने प्राधिकरण के अधिकारियों से भी की थी लेकिन किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया था।

सीएम द्वारा संज्ञान में लिए जाने के बाद हुई कार्रवाई:

बिसरख गांव के ही कुछ लोगों ने इसकी शिकायत यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से भी की थी। पिछले ही दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा आए थे तब उन्होंने तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों को अवैध कब्जे के लिए काफी फटकार भी लगाई थी। किसानों के द्वारा शासन को की गई शिकायत के बाद ग्रेनो प्राधिकरण ने गोपनीय जांच की थी जिसमें सभी शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद पूरा मामला सीएम योगी के संज्ञान में हैं तथा प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री को पूरी रिपोर्ट भी भेज दी है
 

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