जिला प्रशासन के द्वारा शाहबेरी गांव में बनी शत्रु संपत्ति की जमीन पर करीब 180 दुकानें को सोमवार सील कर दिया गया। सील करने से पहले प्रशासन के द्वारा करीब 100 दुकानों को खाली करवाया गया। प्रशासन का कहना है की जल्द ही इन दुकानों को तोड़कर जमीन पर अपना कब्जा हासिल कर लिया जाएगा। बता दें की कोर्ट के आदेश के बाद ही यह कार्यवाही की गई है। इस दौरान वहां कस्टोडियन कार्यालय के कई अधिकारी भी मौजूद थे।
दरअसल शाहबेरी गांव के खसरा संख्या-187 की करीब साढ़े 10 बीघा भूमि शत्रु संपत्ति किसानों के नाम पर थी। प्रशासन के द्वारा इसकी रिपोर्ट कस्टोडियन कार्यालय को भेजी गई थी। जिसके बाद वहां की भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था। इसका विरोध करते हुए किसान हाईकोर्ट में चले गए थे।
किसानों की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था और तत्काल रूप से जमीन को खाली कराने का नोटिस भी जारी कर दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद ही वहां कार्रवाई करने के लिए प्रशासन की टीम सोमवार को शाहबेरी पहुंची।
कार्यवाही के समय पर वहां कस्टोडियन अधिकारी प्रशांत सिंह सैनी के साथ ही तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान तथा लेखपाल दर्शन कुमार भी मौजूद रहे। बता दें की जमीन को खाली करवाने के लिए वहां पुलिस बल को भी बुलाया गया था।
अधिकारियों के द्वारा कहा गया कि शत्रु संपत्ति पर करीब 180 दुकानें तथा नर्सरी बना ली गई थीं। जिस पर एक्शन लेते हुए सोमवार को 180 दुकानों को तत्काल रूप से सील कर दिया गया है साथ ही वहां मौजूद नर्सरी को भी हटा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि दुकानें तोड़ने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी मांगा गया है। जिसके उपलब्ध होते ही वहां शेष बची कार्रवाई भी की जाएगी।
खसरा संख्या-187 की भूमि का मालिक पाकिस्तान चला गया था। बताया गया है कि करीब 20 वर्ष पहले वह भारत में आकर अपनी जमीन को बेच गए थे। जिसके बाद वह जमीन कई बार दोबारा बिक चुकी है। इसी कारण कई लोग उस पर अपना अधिकार होने का दावा भी करते रहे हैं। हालांकि इन सभी मामलों में किसानों को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।
सोमवार को जब जिला प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई तो स्थानीय निवासियों के द्वारा अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए। उनका कहना है कि जब जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण कार्य हो रहा था तो उस समय सभी अधिकारी चुप रहे थे।
बता दें की शाहबेरी गांव के करीब 9 खसरा संख्या शत्रु संपत्ति के तहत आते हैं। इनमें से करीब 6 खसरा संख्या की जमीनों पर अवैध तरीके निर्माण कार्य हो चुका है। वहीं अब प्रशासन के द्वारा संपत्ति की कीमत का आंकलन करके अपनी रिपोर्ट को कस्टोडियन को भेज दी गई है। जिसके बाद कस्टोडियन भूमि को नीलाम करने की योजना बना रहा है।
अफसरों का यह भी कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि जिन लोगों का वहां की जमीन पर कब्जा है, उनको भूमि खरीदने का मौका पहले दिया जाए। बता दें की पिछले साल ही प्रशासन ने बरौला गांव में भी एक कस्टोडियन की जमीन को खाली करवाया था तथा उसकी तार फेंसिंग भी कराने की कार्रवाई की गई थी।