ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर को स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में ग्रेनो प्राधिकरण के द्वारा एक बड़ी पहल की गई है। दरअसल ग्रेटर नोएडा में गीले कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण के द्वारा रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को बायो सीएनजी प्लांट बनाने हेतु अस्तौली में लगभग 11.5 एकड़ जमीन लीज पर दे दी गई है। वहीं जमीन पर पजेशन भी दे दिया है। साथ ही रिलायंस बायो एनर्जी ने आज यानि शुक्रवार से प्लांट का निर्माण भी शुरू कर दिया है।
रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को इस प्रोजेक्ट को बनाने की मिली है जिम्मेदारी:
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ (CEO) एनजी रवि कुमार के निर्देश पर ही ग्रेनो प्राधिकरण की तरफ से कुल 300 टन रोजाना गीले कूड़े को प्रोसेस करने के लिए आरएफपी (RFP) निकाला गया था।वहीं रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी के द्वारा भी इसमें हिस्सा लिया गया था। आरएफपी के माध्यम से रिलायंस बायो एनर्जी को सितंबर 2024 में इस प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी और मार्च 2025 में इसका एग्रीमेंट भी किया गया।
प्लांट पर गीले कूड़े को प्रोसेस करके बनाई जाएगी बायो सीएनजी गैस:
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के अस्तौली गांव में लगभग 11.5 एकड़ की जमीन को रिलायंस एनर्जी को कुल 25 वर्षों के लिए लीज पर दी गई है। वहीं प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस के द्वारा बताया गया है कि रिलायंस बायो एनर्जी इस प्लांट पर गीले कूड़े को प्रोसेस करके बायो सीएनजी गैस बनाएगी।वहीं इस बायो सीएनजी गैस का इस्तेमाल वाहनों में ईंधन के रूप में किया जा सकेगा। इसके साथ ही कूड़े को प्रोसेस करने के एवज में ग्रेनो प्राधिकरण को करीब 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी भी मिलेगी। इस प्रकार 300 टन प्रतिदिन कूड़े को प्रोसेस करने के लिए प्राधिकरण को कोई भी खर्चा नहीं करना पड़ेगा।
करीब डेढ़ वर्ष में प्लांट बनकर हो जायेगा तैयार:
दरअसल योजना के मुताबिक यह प्लांट लगभग डेढ़ साल में बनकर बिल्कुल तैयार हो जाएगा। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ (CEO) एनजी रवि कुमार का कहना है कि बायो सीएनजी प्लांट के लग जाने से ग्रेटर नोएडा शहर में गीले कूड़े को प्रोसेस करने की समस्या लगभग पूरी तरह से हल हो जाएगी। इसके साथ ही इससे हमें ईंधन भी मिलेगा एवं ग्रेनो प्राधिकरण को आमदनी भी होगी। इस प्रकार यह शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के साथ ही प्राधिकरण को आर्थिक लाभ भी पहुंचाएगा।
ग्रेटर नोएडा में हर दिन करीब 800 मीट्रिक टन निकलता है गीला कूड़ा:
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा में हर दिन करीब 800 मीट्रिक टन गीला कूड़ा निकलता है। वहीं प्राधिकरण के द्वारा शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए टोरिफिकेशन तकनीक के अतिरिक्त अन्य कई तकनीकों का भी उपयोग किया है।इसके तहत बायोगैस प्लांट लगाना तथा ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा का उपयोग करके प्रोटीन निकालना शामिल है। वहीं प्राधिकरण ने बल्क वेस्ट जनरेटरों के लिए भी एक रैंकिंग प्रतियोगिता भी शुरू की है ताकि वह बेहतर ढंग से कूड़े का निस्तारण कर सकें।