गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट दंगल: क्या राजेन्द्र सिंह सोलंकी बना पाएंगे लड़ाई को त्रिकोणीय? ब्राह्मण, गुर्जर और ठाकुर प्रत्याशियों के बीच होगा लोकतंत्र का घमासान...
गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट दंगल

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार घोषित सिकंदराबाद पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह सोलंकी जोकि खुर्जा के लड़की हसनपुर निवासी है। और एनआरसी कॉलेज में छात्र नेता भी रहे हैं। लंबे समय तक छात्र राजनीति और कांग्रेस से जुड़ाव रहा है। क्या निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना पाएंगे यही बातें निकल कर आ रही हैं।

वहीं, सपा-कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी राहुल अवाना का न सिर्फ यूथ वोटर सपोर्ट में रहेगा बल्कि नोएडा विधानसभा के काफी हद तक गांवों में असर भी रहेगा। मुस्लिम वोटरों में उनकी पकड़ भी काफी अच्छी रहेगी। एक तरफ जहां ब्राह्मण और शहरी वोट पर विकास की राजनीति को आधार बनाकर उतरने वाले डॉ. महेश शर्मा का कब्जा माना जा रहा है तो वही मुस्लिम और युवा के अलावा ग्रामीण मतदाताओं में गहरी पैठ राहुल अवाना की रहेगी।

इसके अलावा बसपा के पूर्व विधायक राजेंद्र सोलंकी भी कमतर नहीं है क्योंकि कई दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं और खुर्जा- सिकंद्राबाद के नजरिए से सबसे अधिक मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं। पार्टी का केडर वोट भी उनको ही ज्यादातर मिलने की उम्मीद भी है। इसलिए बसपा को कमतर नहीं आंका जा सकता।

आइए जानते हैं पूर्व विधायक राजेंद्र सोलंकी का राजनीतिक करियर

■ खुर्जा एनआरसी कॉलेज में सन 1974-1975 में छात्र राजनीति शुरू की और छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं।

■ इमरजेंसी में कांग्रेस के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नजदीकी रहे राजेंद्र को स्टेट मिनिस्टर का दर्जा था।

■ कांग्रेस में चार बार उत्तर प्रदेश के महासचिव रहे हैं और एक माह पहले तक एआईसी सदस्य रहे हैं।

■ सिकंद्राबाद विधान सभा से 1985 में पहली बार विधायक बने और 1990 तक कांग्रेस के साथ रहे।

■ साल 2007 में भाजपा के टिकट पर सिकंद्राबाद से चुनाव लड़े और हारने के बाद वापस कांग्रेस में चले गए।

■ कांग्रेस छोड़कर एक माह पहले ही बसपा में शामिल हुए हैं। इससे पहले तक कांग्रेस में एआईसी सदस्य रहे।

 आपको बता दें कि साल 2009 में बसपा के ही सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने जोकि वर्तमान में बीजेपी में ही है ने तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी वर्तमान सांसद डॉ. महेश शर्मा को हरा दिया था। 

जब अब खुर्जा उनके जनपद की ही विधान सभा है तो वहां पर मजबूती से लड़ने की जोर आजमाइश तो रहेगी ही। चूंकि ब्राह्मण, गुर्जर, ठाकुर, दलित और मुस्लिम सभी जातियां गौतमबुद्ध नगर पर लगभग
अच्छी स्थिति में है और चुनावी रुख तय करने का दमखम रखती हैं ऐसे में तीनों ही प्रत्याशी आपस में एक दूसरे को काफी टक्कर देंगे। अब जीत का सहरा किसके सिर पर बंधंगा यह तो समय ही बताएगा।

एक नजर गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर:

 26.20 लाख मतदाता जिनमें 14,21619 पुरुष मतदाता तो 11, 98289 महिला मतदाता हैं। 149 मतदाता थर्ड जेंडर हैं। हालांकि यह आंकड़ा अभी घट-बढ़ सकता है।

नोएडा विधानसभा में 7,59417 कुल मतदाता जबकि 33381 महिला तथा 425525 पुरुष एवं 11 अन्य हैं।

दादरी विधानसभा में 704502 कुल मतदाता तथा 320124 महिला एवं 384309 पुरुष तथा 69 अन्य हैं।

जेवर विधान सभा में 367046 कुल मतदाता तथा 168623 महिला एवं 209577 पुरुष व 19 अन्य हैं।

सिकंदराबाद विधानसभा में 397500 कुल मतदाता तथा 187893 महिला एवं 209577 पुरुष व 30 अन्य हैं।

खुर्जा विधानसभा में 391574 कुल मतदाता तथा 183678 महिला एवं 207869 पुरुष व 27 अन्य

पूर्व विधायक व बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी ने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से टिकट का आश्वासन दे दिया गया था और उसी समय से वह जनता के बीच जाकर प्रचार कर रहे हैं। हालांकि घोषणा रविवार को हुई है। बहुजन समाजवादी पार्टी इस बार गौतमबुद्धनगर लोकसभा से बेहतर प्रदर्शन करेगी।

ऐसे बनेगा त्रिकोणीय समीकरण:

गौतम बुद्ध नगर की लोकसभा सीट पूरे देश की चर्चित और वीआईपी सीटों में से एक मानी जाती है। एनसीआर का हिस्सा होने के कारण इसकी गिनती काफी हाई प्रोफाइल वाली सीटों में भी की जाती है। बता दें कि इस सीट से एक बार फिर भाजपा ने डॉक्टर महेश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। साल 2014 तथा साल 2019 के आम चुनाव में भी डॉक्टर शर्मा के द्वारा भाजपा के टिकट पर ही इस सीट से जीत हासिल की गई थी। ऐसे में पिछले करीब एक दशक में किए विकास कार्यों के आधार पर भाजपा यहां से हैट्रिक लगाने की तैयारी में दिख रही है।

वहीं दूसरी ओर सपा ने बुधवार को अपने हुए फ़ैसले में पार्टी के नेतृत्व ने राहुल अवाना को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। माना जाता है कि अवाना साधारण कार्यकर्ता हैं और उनके पास संगठन के अंदर कोई भी पद नहीं है हालांकि उन्होंने अभी तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ा है। इसलिए सपा ने राजनीति के नए खिलाड़ी पर अपना दांव लगाया है

 इस लोकसभा चुनाव में रह अवाना का सामना राजनीति के माने जाने खिलाड़ी तथा पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं लगातार 2 बार जीत दर्ज कर चुके BJP के प्रत्याशी महेश शर्मा से होगा तथा साथ ही बसपा के उम्मीदवार राजेंद्र सोलंकी के आने से अब इस चुनाव ने त्रिकोणीय समीकरण का रूप ले लिया है।

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