आपको बता दें कि भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा के द्वारा गौतमबुद्ध नगर से चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाई गई है जहां डॉक्टर महेश शर्मा ने चुनाव में 5 लाख 59 हजार 472 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। प्रदेश में यह अब तक की सबसे बड़ी जीत भी मानी जा रही है।
दरअसल डॉक्टर महेश शर्मा को इस चुनाव लोकसभा 2024 में कुल 8 लाख 57 हजार 829 वोट मिले हैं। जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नागर को मात्र 2 लाख 98 हजार 357 वोट ही मिले हैं साथ ही तीसरे स्थान पर आने वाले बसपा के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी को 2 लाख 51 हजार 615 वोट मिले।
19 हजार मतों की थी पहली लीड लेकिन बाद में मिली जबरदस्त बढ़त
उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड मतों से अपनी जीत दर्ज करके हैट्रिक लगाने वाले जिला गौतमबुद्धनगर के सांसद महेश शर्मा ने वोटो की गिनती में पहली लीड भले ही सिर्फ 19 हजार मतों की ली हो, लेकिन उसके बाद हर चक्र में जीत का यह अंतर बढ़ाते ही चले गए।
वहीं अंतिम चरण तक की गिनती तक आते आते यह अंतर 5,59,472 मतों के बड़े रूप में बदल गया। उनकी बड़ी जीत के पीछे त्रिकोणीय चुनाव भी एक बड़ा कारण रहा।
दरअसल सपा गठबंधन के डॉ. महेंद्र सिंह नागर तथा बसपा के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह सोलंकी के बीच कांटे की और बराबरी की लड़ाई के चलते ही भाजपा के प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा की जीत का अंतर पिछले चुनाव के मुकाबले से करीब दो गुने तक पहुंच गया।
विपक्ष के मतों में बिखराव के चलते भाजपा प्रत्याशी को मिली बड़ी जीत
दरअसल भाजपा के प्रत्याशी ने बीते लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार भले ही सिर्फ 27015 वोट ज्यादा पाए हैं, लेकिन समय के साथ बदले सियासी समीकरण ने उनकी जीत को 5 लाख से अधिक के अंतर तक पहुंचा दिया।
इस बार चुनाव में सपा प्रत्याशी को कुल 2,98,357 तथा बसपा के उम्मीदवार को कुल मिलाकर 2,51,615 मत ही हासिल हुए। इस त्रिकोणीय मुकाबले में विपक्ष के मतों में हुए बिखराव के कारण भाजपा की यह जीत ऐतिहासिक जीत में बदल गई।
फूल मंडी के परिसर में सुबह सबसे पहले बैलेट तथा उसके बाद EVM के खुलते ही BJP जीत की राह पर थी। सबसे पहले चक्र में कुल 41190 मतों की गणना में BJP के उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा ने 26176 वोट हासिल किए। जिसके साथ ही उन्होंने करीब 63 फीसदी मतों पर अपने कब्जे का संकेत दे दिया।
आपको बता दें कि इसी चक्र में सपा के उम्मीदवार डॉ. महेंद्र नागर को सिर्फ 7,917 वोट ही मिले साथ ही बसपा के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी को भी मात्र 6,233 मत ही प्राप्त हुए थे।
अंतिम चरण तक लगातार बढ़ता गया फासला
पहले चक्र से जो मतों के विभाजन का यह ट्रेंड शुरू हुआ वह अंतिम चरण तक भी इसी औसत रूप से बढ़ता रहा। पांचवें राउंड तक आते आते डॉ. महेश शर्मा ने कुल 1,43,351 मत हासिल कर लिए थे। जिसके बाद अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अर्थात सपा गठबंधन के डॉ. महेंद्र नागर से तकरीबन 1 लाख से ज्यादा की लीड ले ली।
5 चरणों तक सपा के प्रत्याशी के खाते में सिर्फ 42,774 वोट तथा बसपा प्रत्याशी के पाले में भी केवल 28,799 मत ही आए थे। वहीं 14वें चक्र तक आते आते भाजपा के खाते में कुल 3,68,447 मत हासिल हो गए थे।
इस राउंड तक वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं सपा प्रत्याशी से कुल 2,31,055 मतों की लीड प्राप्त कर चुके थे। हालांकि उनकी जीत की यह पटकथा यहीं पर तय हो गई। लेकिन 20वें राउंड की मतगणना ने उनकी जीत पर मुहर लगाने के साथ ही रिकाॅर्ड जीत का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया। यहां तक आने पर भाजपा ने 3 लाख से अधिक मतों के अंतर से विपक्ष की बची उम्मीद को भी धराशाई कर दिया।
37 चरणों की मतगणना में एक भी बार नहीं हुए पीछे
आपको बता दें कि मतगणना के समय BJP के खाते में एक अन्य रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ है। दरअसल मतगणना शुरू होने के पश्चात 37 चरणों तक हर बार BJP को लीड मिली। सपा तथा बसपा के प्रत्याशी को किसी भी चक्र में BJP के आधे मत भी नहीं मिले थे।
मतगणना के शुरू होने से लेकर इसके समाप्त होने तक विपक्ष में सपा तथा बसपा के प्रत्याशियों के चेहरे पर मतगणना के यह आंकड़े कोई मुस्कान नहीं ला सके।
सपा तथा बसपा की लड़ाई में BJP ने बढ़ाई खाई
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले डॉ. महेश शर्मा ने इस वर्ष के चुनाव में 14 लाख से अधिक मतों में करीब 59.69 फीसदी मत हासिल किए। जबकि सपा के प्रत्याशी ने सिर्फ 20.76 फीसदी तथा बसपा के प्रत्याशी ने कुल 17.51 फीसदी मत ही हासिल किए।
जबकि साल 2019 में BJP ने 59.64 प्रतिशत मत हासिल किया था। वहीं बसपा तथा सपा गठबंधन के प्रत्याशी सतवीर ने सिर्फ 35.46 फीसदी वोट ही प्राप्त किए थे। वहीं कांग्रेस पार्टी महज 3.02 प्रतिशत पर ही सिमट गई थी।
आमने-सामने की हुई इस लड़ाई में भाजपा को करीब 3,36,922 मतों की लीड मिली थी। इसी प्रकार साल 2014 की बात करें तो इसमें करीब 50 फीसदी मत प्राप्त करने वाली बीजेपी के मुकाबले सपा ने मात्र 27 फीसदी मत ही हासिल किया था। उनके बीच जीत का अंतर कुल 2,80,212 वोटों का रहा था।