सूरजपुर: ग्रेटर नोएडा कोर्ट के अंदर CCTV कैमरों के काम नहीं करने तथा उनका रखरखाव अच्छे से न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।
दरअसल इसी कोर्ट में बीते दिनों वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया के साथ मारपीट हुई थी। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की 3 सदस्यीय पीठ ने उस रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें यह उल्लेख था कि बार-बार पत्र लिखने के बावजूद भी सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए वे फुटेज को संरक्षित नहीं कर सकते।
क्या था पूरा मामला:
कुछ दिनों पहले सूरजपुर स्थित डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकील तथा BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया का जिले के अधिवक्ताओं से काफी विवाद हो गया। देखते ही देखते दोनों तरफ से धक्का-मुक्की भी शुरू हो गई। जिसके बाद स्थानीय अधिवक्ताओं के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता का जबरन कॉलर बैंड भी उतार दिया। इससे मामला और भी उग्र हो गया। हालांकि थोड़ी देर बाद संबंधित अदालत के जज ने मामले को शांत कराया।
बता दें कि स्थानीय अधिवक्ताओं के द्वारा अपने एक साथी के पिता के उपर रिपोर्ट दर्ज होने की वजह से हड़ताल की घोषणा की गई थी। वहीं दूसरी ओर एक मुकदमे की पैरवी हेतु सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया वहां पहुंचे थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा:
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों और अन्य लोगों को काम न करने के लिए कैसे कहा जा सकता है। प्रदर्शन करना कोई हड़ताल नहीं है और वकील इस तरह अदालत में घुस कर किसी से यह नहीं कह सकते कि चलो निकलो यहां से।
बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने बीती 21 मार्च को इसी कोर्ट में गौरव भाटिया व वकील मुस्कान गुप्ता पर हुए हमले का स्वतः संज्ञान लिया था। पीठ ने आदेश दिया है कि रिपोर्ट सभी पक्षों व बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को दी जाए। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर जवाब मांगा है।