उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के दादरी तथा बुलंदशहर की जमीन पर बसाए जाने वाले नए नोएडा में अब अलग-अलग सेक्टरों के बीच में एक जंगलनुमा क्षेत्र भी नजर आएगा।
दरअसल पार्क तथा खेल के मैदान की जमीन से अलग अब ईको सेंसेटिव जोन की तर्ज पर सभी सेक्टरों के बीच में इसके लिए जमीन छोड़ी जाएगी।
बता दें कि इस जमीन को जंगलनुमा ही रखा जाएगा। वहीं भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से तैयार किए नए बिल्डिंग बायलॉज को ही नोएडा प्राधिकरण के द्वारा अपनाया जायेगा। वहीं हरियाली से संबंधित बायलॉज को नए नोएडा को स्थापित करते समय सख्ती से भी लागू कराया जाएगा।
पर्यावरण का रखा जायेगा खास ध्यान:
नोएडा प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों ने बताया है कि पर्यावरण को और बेहतर बनाने तथा उसे बनाए रखने के लिए कंक्रीट के लगातार बढ़ते उपयोग को भी रोकना बेहद जरूरी है। हालांकि नोएडा शहर का अधिकांश हिस्सा तो बस चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि यहां पर कंक्रीट से कई ऊंची इमारतें भी बन चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर हरियाली के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। हिंडन तथा यमुना किनारे डूब एरिया में तो तेजी से अवैध अतिक्रमण भी हो रहा है।
लैंड यूज में बदलाव होने पर छोड़ी जायेगी जमीन:
नोएडा प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने बताया है कि लैंडयूज के हिसाब से ही वहां आवासीय, संस्थागत तथा औद्योगिक सेक्टर की व्यवस्था भी की गई है। इसके अतिरिक्त यह व्यवस्था भी तय की गई है कि जिस स्थान पर लैंडयूज में कोई भी बदलाव होगा वहां पर करीब 30 मीटर चौड़ी एक ग्रीन बेल्ट की जमीन भी छोड़नी होगी।
उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि जैसे औद्योगिक सेक्टर के बाद कोई आवासीय सेक्टर है तो दोनों के बीच में कम से कम 30 मीटर की चौड़ी ग्रीन बेल्ट देनी होगी।
फुटओवर ब्रिज तथा स्काईवॉक के लिए तय हुए मानक:
भारतीय मानक ब्यूरो के द्वारा नए बिल्डिंग बायलॉज में नोएडा की जरूरत को देखने के बाद फुटओवर ब्रिज तथा स्काईवॉक के लिए भी मानक तय कर दिए गए हैं। इसके लिए मुख्य शर्त यह है कि फुटओवर ब्रिज के दोनों तरफ लोगों के उतरने तथा आने-जाने के लिए कम से कम एक 1.80 मीटर चौड़ा फुटपाथ भी होना चाहिए। वहीं फुटपाथ की ऊंचाई भी कम से कम 5.50 मीटर तक रखनी जरूरी होगी।
होर्डिंग लगाने पर रहेगी सख्ती:
भारतीय मानक ब्यूरो के द्वारा नए बिल्डिंग बायलॉज में नोएडा शहर में जगह-जगह पर लगाई जा रही होर्डिंग्स तथा उनके खतरों से भी आगाह कराया गया है। भारतीय मानक ब्यूरो की तरफ से यह बताया गया है कि इमारत यदि ग्रुप हाउसिंग है तो उसमें किसी भी प्रकार का कोई होर्डिंग अथवा साइनेज नहीं लग पाएगा।
आयोग ने बताया कि इसी दायरे में पब्लिक प्लेस तथा सभी बाजार भी आएंगे। वहीं दूसरी ओर जो भी होर्डिंग लगाई जाएंगी, उनके लिए पहले प्राधिकरण को स्ट्रक्चरल ऑडिट का एक प्रमाण-पत्र लेना होगा। आयोग ने बताया कि यह नियम मौजूदा शहर पर भी प्रभावी हो जाएगा।