पुलिस ने अधिवक्ता नाहर सिंह समेत 50 पर दर्ज किया मुकदमा: वकीलों ने शुरू की हड़ताल, जज और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाहीं की उठाई मांग?
पुलिस ने अधिवक्ता नाहर सिंह समेत 50 पर दर्ज किया मुकदमा


गाजियाबाद: जिला जज की अदालत में बीते दिन हुए विवाद को लेकर पुलिस के द्वारा जहां एक ओर अधिवक्ता नाहर सिंह तथा उनके बेटे समेत करीब 50 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरह अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किए जाने एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने को लेकर ही सभी अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए हैं। दरअसल उनके द्वारा लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों तथा जिला जज के तबादले की मांग उठाई गई है।

आपको बता दें कि लाठीचार्ज से नाराज वकीलों के द्वारा बार सभागार में बैठक करके यह कहा गया है कि जिला जज के द्वारा अधिवक्ताओं के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया है। जिसके बाद पुलिस फोर्स बुलाकर मौजूद अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कराया गया है। जिसमें कई अधिवक्ता घायल भी हुए हैं।

अधिवक्ताओं ने की पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग:

दरअसल बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष दीपक शर्मा के द्वारा यह बताया गया है कि बार एसोसिएशन जिला जज का तत्काल प्रभाव से तबादला करने तथा घायल अधिवक्ताओं को 2-2 लाख रुपये की सहायता करने की भी मांग करती है। इसके साथ ही अधिवक्ताओं के द्वारा लाठीचार्ज में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों के तबादले की भी मांग की गई है।

करीब 50 अज्ञात लोगों पर दर्ज किया गया मुकदमा:

मिली सूचना के अनुसार तबादला होने तक सभी अधिवक्ता कचहरी में ही हड़ताल पर रहेंगे। वहीं इस पूरे मामले को लेकर कविनगर थाने में नाजिर संजीव गुप्ता की शिकायत पर ही 2 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। 

बता दें कि कोर्ट के द्वारा संजीव गुप्ता की शिकायत पर कविनगर थाने में अधिवक्ता नाहर सिंह यादव समेत उनके पुत्र अभिषेक यादव तथा अधिवक्ता दिनेश यादव एवं करीब 40-50 अज्ञात लोगों पर 3 न्यायालय कक्ष की खिड़कियों के शीशे तोड़ने, CCTV कैमरे तोड़ने तथा  डीवीआर तोड़ने सहित कचहरी पुलिस चौकी में आग लगाने का भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

इसी मामले में एक अन्य मुकदमा कचहरी पुलिस चौकी में प्रभारी दारोगा संजय सिंह की शिकायत पर भी दर्ज किया गया है। दरअसल चौकी प्रभारी के द्वारा अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि उन्हें मंगलवार की सुबह यह सूचना मिली थी कि जिला सत्र न्यायालय में तकरीबन 50 वकीलों के द्वारा किसी मामले की सुनवाई को लेकर हंगामा किया जा रहा है और सभी हमलावर भी हो रहे हैं।

कोर्ट में फेंकीं गई थी कुर्सियां:

उन्होंने बताया कि वकीलों के द्वारा कोर्ट में कुर्सियां फेंकी जा रही हैं, साथ ही न्यायिक कार्य में भी बाधा पहुंचा रहे हैं। जिसके बाद ही उन्होंने पुलिस फोर्स को बुलाकर हंगामा कर रहे सभी वकीलों को तितर-बितर करके बाहर निकाला। तत्पश्चात हंगामा कर रहे सभी वकील एकत्रित होकर नीचे आए तथा पुलिस फोर्स पर भी पथराव कर दिया।

वहां हो रहे पथराव में दारोगा के सिर पर भी चोट आई है। वकीलों के द्वारा कचहरी पुलिस चौकी के फर्नीचर में भी आग लगा दी गई। जिसके बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल तथा पीएसी (PAC) की 4 कंपनी बुलाकर हंगामा कर रहे वकीलों को खदेड़ा गया।

बार काउंसिल ने जताई नाराजगी:

आपको बता दें कि वकीलों की सर्वोच्च संस्था बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के द्वारा गाजियाबाद की घटना पर गहरी नाराजगी जताई गई है। जिसके पश्चात घटना को देखते हुए एक जांच कमेटी भी बना दी गई है। वहीं बार काउंसिल के द्वारा घटना पर अपना विरोध भी दर्ज किया गया है।

काउंसिल के द्वारा यह कहा गया है कि लाठी चार्ज तथा पुलिस के साथ RAF को बुलाने निंदनीय है। वहीं बार काउंसिल के द्वारा कोर्ट परिसर से तत्काल रूप से पुलिस हटाने की मांग की गई है। बार ने यह भी कहा ही चाहे प्रशासनिक अधिकारी हो अथवा फिर कोई न्यायिक अधिकारी सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बार काउंसिल ने बनाई 5 सदस्यीय समिति:

बता दें कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के द्वारा बीते मंगलवार की घटना की जांच करने के लिए 5 सदस्यीय समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा है कि दोषी पुलिस तथा न्यायिक अधिकारी बिल्कुल भी बख्शे नहीं जाएंगे। कौंसिल के द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट से ऐसे सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

वहीं दूसरी तरफ अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ की तरफ से जारी इस विज्ञप्ति में यह आरोप लगाया गया है कि हाई कोर्ट अथवा उप्र बार काउंसिल के बिना किसी संज्ञान के ही पुलिस अथवा आरएएफ (RAF) को बुलाकर लाठीचार्ज करा दिया गया है।

कौन कौन है जांच समिति में:

दरअसल इस जांच समिति में पूर्व में अध्यक्ष रह चुके तथा वर्तमान में सदस्य रोहिताश्व कुमार अग्रवाल तथा मधुसूदन त्रिपाठी समेत अरुण कुमार त्रिपाठी, अजय यादव एवं प्रशांत सिंह अटल भी शामिल हैं। समिति से यथाशीघ्र ही अपनी आख्या बार कौंसिल को देने की अपेक्षा जताई गई है। इस प्रकरण पर बार कौंसिल के द्वारा बुधवार एक आपात बैठक भी आहूत की गई है।

कांग्रेस के द्वारा की गई लाठीचार्ज की निंदा:

आपको बता दें कि अधिवक्ताओं के साथ हुए पुलिस दुर्व्यवहार तथा लाठी चार्ज की कांग्रेस के द्वारा निंदा की गई है। इसे लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनीत त्यागी ने यह बताया है कि इस घटना में घायल हुए सभी अधिवक्ताओं के समर्थन में पार्टी खड़ी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के द्वारा भी यह कहा गया है कि कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता एवं संगठन की पूरी टीम इन सभी अधिवक्ताओं के साथ है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है।

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