गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट में बीती 29 अक्टूबर की तारीख को वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज यानि शनिवार को वकीलों की कचहरी में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बता दें कि बार एसोसिएशन के द्वारा इसे महापंचायत का नाम देते हुए दिल्ली समेत हरियाणा, पंजाब तथा यूपी की सभी बार एसोसिएशन को भी आमंत्रित किया गया है।
एसोसिएशन ने सांसदों से इस मुद्दे को सदन में उठाने की अपील की:
दरअसल बार एसोसिएशन के द्वारा जिला जज पर कार्यवाही करने तथा लाठीचार्ज करने वाले सभी पुलिसकर्मियों पर भी कार्यवाही की मांग की गई है। आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र आने वाली 25 नवंबर की तारीख से शुरू हो रहा है। वहीं बार एसोसिएशन के द्वारा सांसदों से वकीलों पर हुए इस लाठीचार्ज का मुद्दा बनकर सदन में उठाने की भी अपील की गई है।
क्या कहा अध्यक्ष दीपक शर्मा ने:
आपको बता दें कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा के अनुसार वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के ही विरोध में संयुक्त बार एसोसिएशन के द्वारा आगरा में रविवार के दिन प्रस्तावित सम्मेलन को फ़िलहाल स्थगित कर दिया गया है। अब आगरा के सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी अधिवक्ता शनिवार को गाजियाबाद जिले में होने वाली बैठक में शामिल होंगे।
लाठीचार्ज पर न्यायपालिका ने नहीं लिया कोई संज्ञान:
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के द्वारा यह कहा गया है कि करीब 300 वर्षों के अंग्रेजों के शासनकाल तथा करीब 75 वर्षों के आजादी के कार्यकाल के पश्चात कभी भी न्याय कक्ष में अधिवक्ताओं पर इस प्रकार से लाठीचार्ज नहीं हुआ था। वहीं आज करीब 12 दिन से भी अधिक का समय हो चुका है, लेकिन देश की न्यायपालिका के द्वारा अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया गया है।
न्यायिक अधिकारियों की भूमिका पर भी उठाए सवाल:
बार एसोसिएशन के द्वारा गाजियाबाद कोर्ट नजारत में हुए करोड़ों के घोटाले में तमाम न्यायिक अधिकारियों की भूमिका पर भी अब सवाल खड़ा करते हुए कहा गया है कि सीबीआई (CBI) के द्वारा निष्पक्षता से इसकी जांच नहीं की है।
वहीं बार अध्यक्ष के द्वारा भी यह कहा गया है कि शनिवार की बैठक में आने वाले सभी अधिवक्ताओं के लिए बजरिया के एक होटल में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है।
अधिवक्ता के द्वारा सदस्यता निरस्त करने को बताया गया साजिश:
दरअसल युवा अधिवक्ता शादाब चौधरी की सदस्यता को बार एसोसिएशन के द्वारा बीते दिनों ही निरस्त करने की जानकारी भी दी गई थी। बीते शुक्रवार को शादाब चौधरी के द्वारा प्रेस वार्ता करके कहा गया था कि उनका बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन है। उन्होंने सीओपी (cop) की परीक्षा के लिए भी फार्म भरा हुआ है। इसलिए नियमानुसार वह अपने नाम के साथ ही अधिवक्ता भी लिख सकते हैं।
नाहर सिंह यादव के इशारे पर रद्द की गई सदस्यता:
आपको बता दें कि बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव स्नेह त्यागी तथा वर्तमान पदाधिकारी के द्वारा बताया गया है कि नाहर सिंह यादव के इशारे पर ही उसकी सदस्यता निरस्त की गई है। इसके साथ ही शादाब चौधरी के द्वारा अपनी जान को भी खतरा बताया गया है। वहीं 29 अक्टूबर को शादाब चौधरी के बड़े भाई की भी जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी।जबकि नाहर सिंह यादव तो दूसरे पक्ष से जिला जज कोर्ट में मौजूद थे। इसी को लेकर ही डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट में जिला जज तथा नाहर सिंह यादव के बीच में नोंकझोंक हुई थी और इसी बात से नाराज होकर ही उनकी सदस्यता को निरस्त करने की इस प्रकार की कार्रवाई की गई है।