GDA यानि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान-2031 के प्रस्ताव को बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद इसे अब शासकीय समिति के समक्ष अनुमति हेतु भेजा जाएगा, जहां से मुख्यमंत्री के सामने इसे प्रदर्शित करके अनुमति मिलने पर तत्काल रूप से लागू कर दिया जाएगा।
ऐसा माना जा रहा है कि इसमें 1 माह का समय लग सकता है। वहीं, रेड तथा ब्लू लाइन मेट्रो के किनारे TOD जोन घोषित करते हुए उसे भी मास्टर प्लान 2031 में शामिल कर लिया गया है।
आवासीय तथा व्यवसायिक गतिविधियां होंगी संचालित:
बता दें कि मेट्रो के रेड तथा ब्लू दोनों रूट के दोनों तरफ 500-500 मीटर तक मिश्रित भूमि का उपयोग करते हुए 5 FAR दिया जाएगा। इनमें 1 भूखंड पर आवासीय तथा व्यवसायिक गतिविधियां भी संचालित हो सकेंगी।
वहीं रेडलाइन के साथ 482.63 हेक्टेयर तथा ब्लू लाइन के साथ करीब 153.98 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल किया जाएगा। बता दें कि इससे मिश्रित उपयोग विकास को भी काफी सुगम बनाया जा सकेगा।
आपको बताते चलें कि मेट्रो शहीद स्थल न्यू बस अड्डा से लेकर फेज-2 दिलशाद गार्डन तक कई छोटे भूखंड पर वर्तमान में निर्माण किया जा चुका है।
लोग नए नियमों से पास करा सकेंगे नक्शा:
TOD जोन के रूप में घोषित होने पर बाद लोग इस पर नए नियमों से भी नक्शा पास करा सकेंगे। RRTS कॉरिडोर स्टेशन के चारों तरफ 1.5 किमी तथा 500 मीटर के दायरे में TOD जोन होगा। वहीं इस क्षेत्र के लोगों को अधिकतम FAR मिल सकेगा, जिसका क्षेत्रफल करीब 4261.43 हेक्टेयर होगा।
बता दें कि दुहाई डिपो तथा स्टेशन के पास करीब 909.82 हेक्टेयर काे विशेष विकास क्षेत्र भी निर्धारित किया गया है, जिससे शहरी विकास एवं बुनियादी ढांचे में काफी सुधार होगा। दुहाई डिपो के पास कुल 416.97 हेक्टेयर का TOD मिश्रित भू उपयोग क्षेत्र प्रस्तावित है।
व्यवसायिक, आवासीय तथा ट्रांसपोर्ट नगर के साथ होगा लॉजिस्टिक पार्क:
दरअसल मास्टर प्लान 2031 लागू होने के साथ ही व्यावसायिक, आवासीय तथा ट्रांसपोर्टनगर, मनोरंजन के साथ साथ M लाजिस्टिक पार्क भी विकसित किए जाएंगे। वहीं यातायात व्यवस्था में सुधार करने के लिए डासना तथा फतेहाबाद निठोरा (लोनी) में करीब 100 एकड़ का लॉजिस्टिक्स पार्क प्रस्तावित हैं।
इसके अतिरिक्त वहां एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के अलावा एक टीला मोड, फरुखनगर रोड तथा मोरटा एवं भोजपुर में ट्रक पार्किंग भी प्रस्तावित है।
पर्यावरण संरक्षण पर दिया जायेगा जोर:
इसके साथ ही मास्टर प्लान 2031 में पर्यावरण संरक्षण तथा इसमें सुधार के लिए यह योजना तैयार की गई है। हरनंदी नदी के साथ साथ रिवर फ्रंट विकास क्षेत्र भी इसमें प्रस्तावित है, जो नदी के संतुलन को बनाने के साथ साथ ही लोगों के लिए भी मनोरंजन स्थल प्रदान करेगी।
वहीं गालंद गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए भी एक नया स्थल प्रस्तावित किया जाएगा तथा एक नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना के अंतर्गत अपशिष्ट प्रबंधन तथा स्वच्छता में सुधार होगा।
निवेश के साथ रोजगार के भी बढ़ेंगे अवसर:
आपको बता दें कि अगर इस बार सब कुछ ठीक रहा तो GDA की तरफ से तैयार किए गए मास्टर प्लान 2031 के लागू होने से जिले में काफी निवेश बढ़ेगा। वहीं युवाओं को भी रोजगार मिल सकेगा।
दरस मास्टर प्लान में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सर्वाधिक संभावनाएं मौजूद हैं। वहीं इसके बाद यहां औद्योगिक इकाइयां भी स्थापित की जा सकेंगी।
जानते हैं मास्टर प्लान 2031 में तय भूमि उपयोग:
आवासीय :- 39.85 प्रतिशत
औद्योगिक :- 10.68 प्रतिशत
व्यवसायिक :- 2.18 प्रतिशत
कार्यालय :- 2 प्रतिशत
सार्वजनिक :- 6.65 प्रतिशत
मिश्रित :- 1.82 प्रतिशत
मनोरंजन :- 19.67 प्रतिशत
नान कंफर्मिंग :- 4.36 प्रतिशत
परिवहन :- 12.79 प्रतिशत