किसानों ने बिजली विभाग के खिलाफ शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना: बिजली विभाग पर लगाए लूट के आरोप, जानें क्या हैं किसानों की मुख्य मांगे?
किसानों ने बिजली विभाग के खिलाफ शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद में भाकियू यानि भारतीय किसान यूनियन के द्वारा गुरुवार को किसानों की बिजली विभाग की समस्याओं को लेकर राजनगर में स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया गया है।

आपको बता दें कि यह धरना भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार चौधरी के अतिरिक्त जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह तथा युवा जिला अध्यक्ष छोटे चौधरी के नेतृत्व में शुरू किया गया है।

बिजली विभाग के द्वारा खुलेआम की जा रही है लूट:

जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह के द्वारा यह बताया गया है कि बिजली विभागबीके द्वारा जनपद के सभी किसानों के साथ खुलेआम लूट करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देर रात को किसानों तथा मजदूरों के घरों में बिजली विभाग के द्वारा छापामारी की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है तथा उसे कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिना गांव के प्रधान की अनुमति के बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी पूरे गांव में किसी के घर में नहीं जा सकता है।

आइए जानते हैं कि क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें:

दरअसल किसानों की मुख्य रूप से कुल 6 मांगें हैं:

1)इसमें मुख्य रूप से किसानों के नलकूपों यानि ट्यूबवेलों पर कोई भी मीटर नहीं लगने दिए जाएंगे। 

2)किसानों के नलकूपों तथा घरों के कनेक्शनों को भी तत्काल जोड़ा जाए। 

3)सरकार के माध्यम से बिजली माफी की योजना को तत्काल लागू करते हुए सभी किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाए।

4)जनपद के सभी गावों में बिजली विभाग के द्वारा कैंप लगाकर किसानों की सभी समस्याओं का तत्काल निस्तारण किया जाए।

5)जिले में सभी किसानों के नलकूपों का रोस्टर सही करके निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति कराने का काम किया जाए।

6)किसानों के खेतों से निकलने वाली बिजली की क्षतिग्रस्त लाइनों को तत्काल रूप से बदला जाए। साथ ही जिन क्षेत्र में खराब ट्रांसफॉर्मर हैं, उन्हें भी तत्काल बदला जाए।

फिलहाल ऐसा बताया गया है कि किसानों का धरना अभी जारी है। साथ ही मौके पर बिजली विभाग के आला अधिकारी एवं पुलिस भी वहां पर पहुंच गई है। ताकि स्थित को बिगड़ने से रोका जा सके।

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