गजियाबाद: अगर आपने अपने पालतू कुत्ते का पंजीकरण नहीं कराया है तो इस काम को आज ही कर लें। एक अप्रैल से कुत्तों का पंजीकरण शुल्क 200 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये होने जा रहा है। साथ ही कुत्ता पालने के लिए बनाई गई नई नियमावली के तहत नियमों का पालन नहीं करने पर अब 10 हजार रुपये जुर्माना लगेगा।
नियमावली के अनुसार एक फ्लैट में चार से ज्यादा कुत्ते नहीं पाले जा सकेंगे। साथ ही, कुत्तों की 23 नस्लों की बिक्री और प्रजनन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा।
नगर निगम के उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुत्तों के पंजीकरण का शुल्क 200 रुपये निर्धारित है, जो एक अप्रैल से 1000 रुपये हो जाएगा। हर साल पंजीकरण का नवीनीकरण अनिवार्य है, इसके लिए 100 रुपये शुल्क निर्धारित है जिसे बढ़ाकर 500 रुपये किया जा रहा है। पंजीकरण की शर्तों का उल्लंघन करने पर अब कुत्ता पालने वालों पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
नगर निगम क्षेत्र में पालतू कुत्तों की संख्या 16 हजार से अधिक होने का अनुमान लगाया जाता है, लेकिन नगर निगम में अब तक महज छह हजार कुत्तों का ही पंजीकरण हुआ है। ऐसे में कुत्ता पालने के शौकीन लोगों के पास 31 मार्च अंतिम दिन है, इसके बाद पांच गुना ज्यादा पंजीकरण शुल्क देना होगा। साथ ही, बिना पंजीकरण के कुत्ता पालते पाए जाने पर मालिक पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह जुर्माना राशि प्रतिबंधित नस्ल के कुत्ते पालने पर भी लागू होगी।
इन नस्लों के कुत्तों पर लगाया गया प्रतिबंध:
निगम अधिकारियों का कहना है कि यह प्रतिबंध मिक्सड और क्रॉस सभी नस्लों पर लागू होगा। इन ब्रीड में पिटबुल टेरियर, रॉटविलर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोएरबोएल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग (ओवचाकी), दक्षिण रूसी शेफर्ड (ओवचाकी), कोकेशियान शेफर्ड डॉग, सप्लानिनैक, जापानी टोसा, अकिता, मास्टिफ्स, इओटवीलर, कैनेरियो और टॉर्नजैक शामिल हैं।
नई नियमावली के तहत पालन न करने पर लगेगा 10 हजार जुर्माना:
नई नियमावली के तहत पालन न करने पर भारी जुर्माना लगाया जायेगा वहीं दूसरी ओर गोवंश को खुले में छोड़ने पर भी पशु पालकों को 2000 रूपये की जगह पर 10 हजार रूपये का भारी जुर्माना देना होगा। उप मुख्य पशु चिकित्सा प्रमुख डॉ. अनुज सिंह ने बताया है कि नई नियमावली के अंतर्गत जुर्माने की राशि को बढ़ाने से जहां एक तरफ नगर निगम की आय बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ पशु पालक भी अपने पशुओं को अब सड़क पर खुला छोड़ने से बचेंगे। उनके द्वारा पशुपालकों से यह अपील भी की गई है कि वह अपने किसी भी पशु को सड़क पर खुला न छोड़ें।