उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में यातायात पुलिस के द्वारा शहर में सभी स्थानों से डायवर्जन हटा दिया गया है। बता दें कि जिन स्थानों पर भी बैरिकेडिंग करके रास्ते बंद किए गए थे वहां से पूरी तरह बैरिकेडिंग हटाने के बाद से दोपहर बाद यातायात भी समान्य हो गया है।
दूधेश्वरनाथ मंदिर के आस पास रहेगा डायवर्जन:
दरअसल मेरठ रोड पर मेरठ तिराहे से लेकर मोदीनगर के कादराबाद तक तकरीबन 30 किलोमीटर की दूरी पर कट बैरिकेडिंग करके बंद कर दिए गए थे। उन्हें भी आज दिनभर मेें अधिकांश स्थानों से हटा दिया गया है।
वहीं यातायात पुलिस का यह कहना है कि सोमवार को दूधेश्वरनाथ मंदिर मे आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से ही रविवार रात को मंदिर के आसपास फिर से डायवर्जन लागू किया जाएगा।
बल्ली हटाकर खोले गए अधिकांश कट:
शनिवार की सुबह यातायात पुलिस के द्वारा कांवड़ियों की संख्या बेहद कम होने तथा वाहनों का दबाव बढ़ने के कारण ही सभी स्थानों पर दोबारा वाहनों को निकलने की इजाजत दे दी गई है।
इससे अब दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर भी भारी वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। वहीं मेरठ रोड पर भी दोनों लेन पर वाहन चलने लगे हैं। हालांकि अधिकांश कट को बल्ली लगाकर बंद किया गया था। इसलिए बल्ली हटाने का काम भी पूरे दिन भर जारी रहा। हालांकि दोपहर तक अधिकांश स्थानों पर बल्ली हटाकर कट को खोल दिया गया था।
क्या कहा ADCP पीयूष सिंह ने:
ADCP यातायात पीयूष कुमार सिंह ने बताया की शनिवार सुबह यातायात को पूरे जिले में सामान्य कर दिया गया है। वहीं रविवार रात में दूधेश्वरनाथ मंदिर के आस पास डायवर्जन किया जाएगा।
जलभराव के 56 हॉट स्पॉट भी किए गए चिह्नित:
वहीं दूसरी ओर नगर निगम के द्वारा नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में इस बार सभी नालों की सफाई का अभियान चलाया गया। बता दें कि शहर में 56 ऐसे हॉट स्पॉट भी चिह्नित किए गए हैं जहां जलभराव की अधिक समस्या रहती थी।
इन सभी हॉट स्पॉट पर विशेष रूप से तेज़ी से काम किया गया तथा वर्षा के दौरान एक-दो घंटे में ही सभी जलभराव की समस्या से निजात दिलाई गई है।
अस्थाई रूप से की गई पंप की व्यवस्था:
वहीं महाप्रबंधक जलकल केपी आनंद ने यह बताया है कि पटेल नगर-2, शास्त्री नगर, गौशाला फाटक, अर्थला, अप्सरा बॉर्डर, नागद्वार, एएलटी अंडरपास तथा अन्य ऐसे डूब क्षेत्र जहां पर काफी समय हेतु जलभराव की समस्या बनी रहती थी, वहां पर भी अस्थाई व्यवस्था करते हुए कई पंप लगाए गए हैं।
यह सभी पंप वर्षा के मौसम में नियमित रूप से भी लगे रहेंगे। इनके माध्यम से अधिक वर्षा होने के बाद यदि जलभराव की समस्या होती है तो वहां से एक-दो घंटे में ही पानी की निकासी कराई जा रही है।