गाजियाबाद के साहिबाबाद में राजनीतिक हिस्सेदारी और आरक्षण के मुद्दे पर बीते शुक्रवार को प्रजापति समाज की संकल्प यात्रा में हंगामा, पथराव और तोड़फोड़ के बाद लिंक रोड थाने में 217 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि थानाध्यक्ष प्रीति सिंह की ओर से बलवा, मारपीट, तोडफोड़, सरकारी गाड़ी क्षतिग्रस्त करने व पुलिसकर्मियों पर हमले की धारा में केस कराया है। इसमें 17 नामजद और 200 अज्ञात लोग हैं। हालांकि पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है।
बता दें कि लिंकरोड थाना की प्रभारी प्रीति सिंह के द्वारा की गई शिकायत पर राष्ट्रीय प्रजापति महासभा के अध्यक्ष दारा सिंह, रमेश प्रजापति, अनिल प्रजापति, सोमपाल प्रजापति, राजपाल, प्रविंदर प्रजापति, नितिन, नरेंद्र कुमार, महिपाल, राजेंद्र कुमार, राहुल प्रजापति, अनुज इंद्रवाल, अनुज प्रजापति, सत्यवीर, प्रवीन, जगदीश प्रसाद, फिरेराम प्रजापति, और 150-200 अज्ञात पर आईपीसी सेक्शन-147, 148, 188, 353 और 427 में मुकदमा किया गया है। वहीं पुलिस ने बीते शुक्रवार को सौर ऊर्जा मार्ग पर हंगामा, तोड़फोड़ और झड़प के दौरान 13 लाेगों को गिरफ्तार किया था। जिन लोगों को पुलिस की टीम के द्वारा उन सभी के खिलाफ धारा-151 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मतलब शांति भंग में चालान की कार्रवाई हुई है।
हालांकि इस मुद्दे पर डीसीपी निमिष पाटिल का कहना है कि संकल्प यात्रा में हंगामा करने वाले लोगों पर जिन धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। वो सभी सात साल से कम की सजा हैं और इनमें आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाती है। नामजद आरोपी और अज्ञात युवकों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
आइए जानते हैं आखिर संकल्प यात्रा के दौरान हंगामा होने की क्या वज़ह थी। मिली जानकारी के अनुसार संकल्प यात्रा को पुलिस के द्वारा रोकने पर हंगामा हुआ था। वहीं प्रदर्शनकारी बीते बृहस्पतिवार को करीब रात 11 के बजे मोहननगर से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे थे। पुलिस ने उन्हें लिंक रोड साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में रोक दिया था। रात में प्रदर्शनकारी एक निजी बैंक्वेट हॉल में बैठ गए। अगले दिन सुबह दस बजे पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे तो प्रदर्शनकारी दिल्ली में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने पर अड़ गए थे।
हालांकि अधिकारियों ने उन्हें समझाने का बहुत प्रयास किया लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी। वहीं बाद में तय हुआ कि प्रदर्शनकारी एक किमी तक पैदल मार्च कर आगे जाएंगे फिर पांच सदस्य दिल्ली जाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन अधिकारी को सौंपेंगे। जब एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह बात कर रहे थे। तभी शरारती तत्व ने पत्थर फेंक दिया जिससे हंगामा बढ़ गया और पुलिस ने सभी को वहां से लाठी फटकार कर खदेड़ दिया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी को भी अपना निशाना बनाया। हालांकि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिस वीडियो में खून से लथपथ युवक ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के इशारे पर लाठीचार्ज हुआ था, जिसमें पांच-छह लोग घायल हो गए।