गाज़ियाबाद में कार चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश: पुलिस ने 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार, दिल्ली NCR में सिर्फ 5 मिनट में घटना को देते थे अंजाम, जानें क्या है पूरी खबर…
गाज़ियाबाद में कार चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में स्थित लिंक रोड थाना पुलिस के द्वारा घरों के बाहर खड़ी 200 से अधिक कारें चोरी करने वाले एक अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके सरगना समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उनके पास से चोरी की 3 कारें भी बरामद हुई हैं।

पुलिस अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी:

आपको बता दें कि इस गिरोह के चोर 5 मिनट में ही मारुती की कारों के लॉक तोड़कर चोरी कर ले जाते थे। जिसके बाद चोरी के वाहनों को गुजरात समेत आंध्र प्रदेश तथा अन्य कई राज्यों में बेचते थे। फिलहाल पुलिस गिरोह के द्वारा फरार अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।

आरोपियों की पुलिस ने की पहचान:

पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन निमिष पाटील के द्वारा यह बताया गया है कि पकड़े गए दोनों आरोपित यूपी में से एक मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र के घोसीपुर गांव के गुलफाम उर्फ कटोरा का रहने वाला है, वहीं दूसरा पलवल हरियाणा का जाहुल है। 

पुलिस ने बताया कि इनके साथी मेहराज तथा पहलवान उर्फ मोहसीन फरार चल रहे हैं, जो क्रमश डिग्गी मकबरा रेलवे रोड मेरठ का तथा नहाल थाना मसूरी गाजियाबाद के रहने वाले हैं।

इन सभी कारों को बनाते थे अपना निशाना:

पुलिस के द्वारा पूछताछ में आरोपितों ने यह बताया है कि गुलफाम पूरे गिरोह का मुख्य सरगना है। दरअसल साल 2010 में उसके खिलाफ चोरी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। बता दे कि यह सभी चोर मिलकर दिल्ली, हरियाणा तथा उसके आसपास के कई जिलों में सूनसान स्थानों तथा घर के बाहर खड़ी कारों को अपना निशाना बनाते थे।

पुलिस ने बताया है कि इनके कब्जे से चोरी की 1 बलेनो कार मिली है जो थाना लिंकरोड़ थाना क्षेत्र से चोरी हुई थी। इसी प्रकार एक ब्रेजा गाड़ी जो थाना गुरुग्राम सदर हरियाणा से चोरी हुई थी तथा एक स्विफ्ट कार जो दिल्ली से चोरी की गई थी, बरामद हुई हैं। 

कई राज्यों में बेचते थे चोरी की कार:

बता दें कि पुलिस के द्वारा इन्हें चेकिंग के दौरान सूर्य नगर चौकी क्षेत्र के रंगोली तिराहे से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए चोरों से पूछताछ के बाद यह पता चला है कि मेहराज चोरी की गई सभी कारों को गुजरात तथा आंध्र प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में बेच देता था।

साथ ही कार बेचने के बाद मिलने वाले रुपयों को सभी चोर आपास में बांट लेते थे। उन्होंने बताया है कि अभी तक गिरोह के द्वारा 200 से अधिक कारें चोरी करके अलग अलग राज्यों में बेची जा चुकी हैं। 

पुलिस सर्विलांस से बचाव के लिए अपनाया ये तरीका:

पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने यह बताया है कि वह लोग आपस में एक जंगी एप के माध्यम से बात चीत करते थे। दरअसल पहले तो सभी इसपर अपना रजिस्ट्रेशन करते थे। फिर OTP आने पर एक 8 डिजिट का नंबर बनाते थे। जिसके बाद उस नंबर को गिरोह के लोगों ने आपस में साझा करके बात करते थे।

इसी से वह एक ग्रुप बनाकर बात करते थे। जिससे यह नंबर कभी भी पुलिस की जांच में ट्रेस में नहीं होता था। यदि कभी आपस में किसी के पकड़े जाने अथवा छोड़कर जाने का कोई भी शक होता था तो इस एप को तुरंत डिलीट कर देते थे। 

बता दें कि उन्होंने यूट्यूब पर देखकर ही इस एप के बारे में जानकारी प्राप्त की थी तथा उसपर बात करके उसका उपयोग करने लगे थे। जिससे सभी चोर पुलिस के सर्विलांस से बच जाते थे।

पांच मिनट में चोरी कर लेते थे कार:

पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने यह बताया है कि वह मारुती की कारों की चोरी सबसे अधिक करते थे। उन्होंने बताया कि कार का शीशा तोड़कर सिर्फ 5 मिनट में ही कार स्टार्ट करके चोरी कर ले जाते थे। पुश स्टार्ट वाली कार के लिए वह अपने साथ एक इलेक्ट्रानिक सिस्टम लेकर भी चलते थे। लाक सिस्टम को ब्रेक करके वह कार चोरी कर ले जाते थे।

आरोपियों पर दर्ज हैं कई मुकदमें:

दरअसल चोरी की गई कार को 2 से 3 दिन के लिए पार्किंग अथवा किसी सोयायटी के आसपास ही खड़ा कर देते थे। जब कोई GPS ट्रैकर मिलता था तो उसे डिस्कनेक्ट कर देते थे। फिर कार को वहां से निकाल कर अपने ठिकानों पर ले जाते थे। 

पुलिस ने बताया है कि गुलफाम पर लगभग 19 मुकदमे तथा जाहुल के खिलाफ भी करीब 11 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि फरार आरोपितों के पकड़े जाने के बाद यह पता चल सकेगा कि वह दूसरे राज्यों में चोरी की गई कारों को किसको बेचते थे।

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