उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अब प्रॉपर्टी खरीदना लोगों के लिए और महंगा होने जा रहा है। दरअसल जिले में DM सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी वित्त तथा राजस्व एवं सहायक महानिरीक्षक निबंधन की बैठक भी हुई है। इस बैठक में ही सर्किल रेट बढ़ाने से पूर्व सभी प्रकार की तैयारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
15 जुलाई तक प्रस्ताव देने को कहा:
आपको बता दें कि बैठक में सभी उप निबंधक से संबंधित SDM और तहसीलदार से वार्ता करके नए प्रस्तावित सर्किल रेट का प्रस्ताव आने वाली 15 जुलाई की तारीख तक देने के लिए कहा गया है।
अपर जिलाधिकारी वित्त तथा राजस्व सौरभ भट्ट के द्वारा सभी सब रजिस्ट्रार को यह निर्देश दिया गया है कि जिस क्षेत्र में बाजार रेत सर्किल रेट से अधिक हैं वहां पर उनकी जांच करने के साथ ही संबंधित SDM तथा तहसीलदार से वार्ता करके वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया जाए।
वहीं सर्किल रेट में सेगमेंट का दोबारा परीक्षण भी किया जाए। यदि उसमें किसी नए सेगमेंट की आवश्यकता होती है तो उसे भी प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।
ऐसे सभी क्षेत्र के मुख्य मार्ग जहां पर व्यवसायिक गतिविधियों का विस्तार किया जा रहा है उनमें भी नए सेगमेंट का प्रस्ताव जल्द ही प्रस्तुत किया जाए।
खाली पड़े हुए बड़े भूखंडों को छोटा करके बेचने की तैयारी:
वहीं, दूसरी तरफ गाजियाबाद में GDA की जिन योजनाओ में बड़े प्लॉट खाली पड़े हुए हैं, उन्हें छोटा करके बेचा जाएगा। इसके लिए GDA यानि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के द्वारा प्लॉटों की एक सूची तैयार की जा रही है। ताकि उनको बेचने की योजना भी जल्द ही तैयार हो सके।
GDA की विभिन्न योजनाओं में 2 हजार वर्ग मीटर से कई बड़े तथा छोटे प्लॉट खाली पड़े हुए हैं। इन बड़े प्लॉटों में ग्रुप हाउसिंग से लेकर व्यवसायिक सहित अन्य सभी लैंड यूज वाले प्लॉट भी मौजूद हैं।
GDA के अनुसार ये प्लॉट करीब 10 वर्षोंसे नहीं बिक पाएं हैं। अब प्राधिकरण के द्वारा इन सभी प्लॉटों को बेचने के लिए जल्द ही सूची तैयार की जाएगी, ताकि इनका लैंड यूज भी देखा जा सके।
जरूरत पड़ने पर परिवर्तित किया जाएगा लैंड यूज:
दरअसल खाली पड़े हुए प्लॉटों के लैंड यूज के आधार पर ही इन्हें छोटा करने की योजना बनाई जाएगी। साथ ही यदि जरूरत पड़ी तो इनके लैंड यूज भी में कई बदलाव किए जा सकते हैं।
GDA के अपर सचिव ने बताया है कि प्राधिकरण की संपत्ति को खरीदने में लोग काफी रुची भी दिखा रहे हैं। ऐसे में ही इन प्लॉटों को भी बेचने की योजना प्राधिकरण के द्वारा बनाई जा रही है। इससे खाली पड़े हुए सभी प्लॉटों पर लोगों को जल्द ही कब्जा मिल सकेगा और इसके साथ ही राजस्व की भी प्राप्ति होगी।