फरीदाबाद। फरीदाबाद के शहरी क्षेत्रों में अब घर बनाना और आसान हो गया है। अब 50 वर्ग गज तक की जमीन की रजिस्ट्री के लिए नगर निगम से नोड्यूज प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं पड़ेगी। शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा ने गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। इस निर्णय से स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में कई लोगों को राहत मिलेगी और उनके अपने घर का सपना पूरा हो सकेगा। मंत्री ने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अब नगर परिषद या नगर पालिकाओं से नो ड्यूज सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कोई भी व्यक्ति कृषि भूमि खरीदना चाहे या भूमि का कोई हिस्सा बेचना चाहे। भूमि मालिक सीधे अपनी रजिस्ट्री करवा सकेंगे। इन संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का प्रॉपर्टी टैक्स या विकास शुल्क लागू नहीं होगा। राज्य में इस तरह की कुल 2,52,000 संपत्तियां हैं।
खाली प्लाटों को बेचने की मिली अनुमति
शहरी क्षेत्रों में कॉलोनियों की खाली पड़ी भूमि को बेचने की अनुमति मिल गयी है। इसके लिए प्रार्थी को प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य बकाया शुल्क जमा करने के बाद नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा, जिसके आधार पर वे अपनी संपत्ति बेच सकेंगे। राज्य मंत्री ने बताया कि जिन संपत्ति मालिकों ने लाल डोरा के अंदर स्थित अपनी संपत्ति को स्वयं प्रमाणित कर दिया है, उन्हें अपनी संपत्ति बेचने की अनुमति दी जाएगी।
अब 50 गज के प्लॉट की भी होगी रजिस्ट्री
मंत्री ने बताया कि पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे में परिवार के सदस्यों को अपनी संपत्ति विभाजित करने का अधिकार दिया गया है, जिसमें सबसे छोटा हिस्सा 50 गज तक का हो सकता है। 100 गज के प्लॉट को केवल दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। शहरी क्षेत्रों में एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों को छोड़कर, नगर निकायों के नियंत्रण वाली अन्य संपत्तियों का बंटवारा किया जा सकता है।
रजिस्ट्री होते ही पोर्टल पर दिखेगा रिकॉर्ड
मंत्री ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में घर बैठे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए, एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी और तहसीलों में किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री होने पर सभी जानकारी स्वतः नगर निकायों के प्रॉपर्टी पोर्टल पर आ जाएगी। अब लोगों को इसके लिए कार्यालयों के चक्कर काटने या किसी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी, यह सुविधा उन्हें घर बैठे ही मिल जाएगी।
अवैध कॉलोनी 30 जून तक वैध होंगी
मंत्री ने बताया कि हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में 741 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया जा चुका है, जिससे इनकी 1,71,368 संपत्तियों के मालिकों को अपनी संपत्ति बेचने का अधिकार मिल गया है। इसके अतिरिक्त, बाकी 433 कॉलोनियों को 30 जून तक नियमित करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही, 705 छोटे क्षेत्रों (पैचेस) को भी नियमित किया जा चुका है। बाकी बचे लगभग 1200 क्षेत्रों में से, जो सरकारी भूमि, वन क्षेत्रों, ग्रीन बेल्ट या सड़क की भूमि पर स्थित हैं, उन्हें छोड़कर बाकी सभी को 30 जून तक अधिकृत कर दिया जाएगा।
98 कॉलोनियों के प्रस्ताव विचाराधीन
स्मार्ट सिटी में नगर निगम क्षेत्र की 98 अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इन्हें नियमित कर इनमें सीवर, बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे लगभग पांच लाख लोगों को लाभ मिलेगा। पिछले वर्ष, नगर निगम क्षेत्र की 59 कॉलोनियों को नियमित किया गया था।
रियल एस्टेट कारोबार को मिलेगी प्रोत्साहन
फीवा महासचिव गुरमीत सिंह देओल ने कहा, "सरकार के इस निर्णय से रियल एस्टेट कारोबार को भी प्रोत्साहन मिलेगा। आम लोग भी अपना घर बना सकेंगे। भूमि मालिकों के पास अपनी जरूरत के अनुसार जमीन बेचने का विकल्प होगा। अब तक जमीन की रजिस्ट्री के लिए एनओसी लेनी पड़ती थी।"
अवैध कॉलोनियों के विकसित होने का रहेगा खतरा
फरीदाबाद नगर निगम के सेवानिवृत्त वरिष्ठ नगर योजनाकार रवि अगला सिंगला ने कहा, "सरकार के इस फैसले से कई लोगों को राहत मिलेगी और उन्हें जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। इससे सरकार को भी राजस्व प्राप्त होगा। हालांकि, इससे अवैध कॉलोनियों के विकसित होने की आशंका रहेगी और अर्बन एरिया एक्ट-1975 के नियमों का उल्लंघन हो सकता है।”