फूहड़ता और अश्लीलता को लेकर रणवीर अलाहबादिया और समय रैना पर FIR, जल्द हो सकते हैं गिरफ्तार!: महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी और यूथ को गलत सीख के चलते लोगों ने शो को भी की बेन करने की मांग?
फूहड़ता और अश्लीलता को लेकर रणवीर अलाहबादिया और समय रैना पर FIR, जल्द हो सकते हैं गिरफ्तार!

एंटरटेनमेंट: मुंबई में एक कॉमेडी शो के दौरान महिलाओं और माता-पिता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपूर्व मखीजा, कॉमेडियन समय रैना और शो के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह केस एडवोकेट आशीष राय की शिकायत पर मुंबई के खार पुलिस थाने में दर्ज हुआ।

रणवीर अलाहबादिया जिन्हें 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड्स में "डिसरप्टर ऑफ द ईयर" के सम्मान से नवाजा गया था अब इस विवाद में घिर गए हैं। विवाद बढ़ने के बाद रणवीर ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली और कहा कि कॉमेडी करना उनका क्षेत्र नहीं है उनसे गलती हो गई। उन्होंने शो के निर्माताओं से विवादित सामग्री को हटाने का अनुरोध भी किया है।

रणवीर अलाहबादिया की माफी

रणवीर अलाहबादिया ने अपने बयान में कहा, "मेरा कमेंट अनुचित था और हास्यप्रद भी नहीं था। कॉमेडी मेरा क्षेत्र नहीं है, और मैं इसके लिए बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं। मैं अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग इस तरह नहीं करना चाहता था और इसके लिए किसी भी प्रकार का बहाना नहीं बनाऊंगा। यह मेरी गलती थी और मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि मैंने जो कहा वह सही नहीं था। मैंने शो के निर्माताओं से कहा है कि वे उस हिस्से को हटा दें। आशा करता हूं कि लोग इसे इंसानियत के नाते माफ कर देंगे।"

शो का प्रारूप

यह मामला स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना के शो "इंडियाज गॉट लेटेंट" से जुड़ा है जिसका विवादित एपिसोड 8 फरवरी 2025 को यूट्यूब पर रिलीज़ हुआ था। यह शो अपनी बोल्ड और बेबाक कॉमेडी के लिए जाना जाता है। दुनियाभर में इसके 73 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और हर एपिसोड को औसतन 20 मिलियन से अधिक व्यूज मिलते हैं।

शो के फॉर्मेट के अनुसार हर एपिसोड में नए कंटेस्टेंट्स को 90 सेकंड का समय दिया जाता है जिसमें वे अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। हालांकि इस विशेष एपिसोड में कुछ ऐसी टिप्पणियां की गईं जो सामाजिक रूप से अस्वीकार्य थीं।

महाराष्ट्र सरकार और एडवोकेट आशीष राय का बयान

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, "मुझे इस शो के बारे में जानकारी मिली है हालांकि मैंने इसे खुद नहीं देखा। लेकिन अगर इसमें आपत्तिजनक कंटेंट है और यह शो अभद्रता के दायरे में आता है तो यह पूरी तरह गलत है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर किसी को मिली हुई है लेकिन यह अधिकार तभी तक सीमित है जब तक कि यह किसी और की स्वतंत्रता में दखल न दे। अगर कोई अश्लीलता की सीमाएं लांघता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

इस मामले को लेकर एडवोकेट आशीष राय ने शिकायत दर्ज कराई थी उन्होंने कहा, "इस शो में महिलाओं को लेकर बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। वहां मौजूद लोग इन भद्दी बातों पर हंस भी रहे थे जिससे यह साफ होता है कि इनकी मंशा महिलाओं के प्रति अपमानजनक थी। इसका मकसद केवल सोशल मीडिया पर पॉपुलैरिटी पाना और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से पैसे कमाना था। यह सीधा-सीधा अपराध है क्योंकि किसी भी वर्ग या समाज के खिलाफ गलत बयानबाजी करना कानूनी रूप से गलत है। खासकर तब जब यह कंटेंट छोटे बच्चों तक भी पहुंच सकता है। हमारा काम शिकायत दर्ज कराना था अब पुलिस और प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।"

यूट्यूब कम्युनिटी की प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद पर यूट्यूबर गौरव तनेजा जिन्हें फ्लाइंग बीस्ट के नाम से जाना जाता है उन्होंने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, "ऐसा लगता है कि समय रैना पूरे यूट्यूब इंडिया को ही बैन करवाकर मानेगा।"

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने रणवीर अलाहबादिया के कमेंट पर गुस्सा जाहिर किया और इस तरह के कंटेंट को बैन करने की मांग की।

क्रिएटर्स की सामाजिक जिम्मेदारी

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बहुत प्रभावशाली बन चुके हैं। यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर कंटेंट क्रिएटर्स का बड़ा प्रभाव होता है खासकर युवाओं और किशोरों पर। ऐसे में कंटेंट की गुणवत्ता और उसके सामाजिक प्रभाव पर ध्यान देना आवश्यक है।

रणवीर अलाहबादिया जैसे बड़े यूट्यूबर्स को देखकर लाखों युवा प्रेरित होते हैं। ऐसे में अगर वे ऐसे विवादित बयान देंगे तो यह समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कॉमेडी के नाम पर किसी भी वर्ग या समुदाय का अपमान करना न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि यह कानून के भी खिलाफ हो सकता है।

क्या होगा आगे?

अब जब केस दर्ज हो चुका है तो यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करते हैं। क्या केवल माफी मांगने से यह मामला समाप्त हो जाएगा या फिर कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ेगी?

इस मामले ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी कुछ भी कहने की छूट दी जानी चाहिए या फिर कुछ सीमाएं होनी चाहिए?

क्या यह मामला यूट्यूब कम्युनिटी के लिए बनेगा एक सबक?

यह विवाद केवल एक शो तक सीमित नहीं है बल्कि यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। मनोरंजन और हास्य के नाम पर अगर सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ा जाएगा तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस और प्रशासन इस केस को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।

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