सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ पूरे बांग्लादेश में चल रहे छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के कारण बीते शुक्रवार को देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस तथा सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने तथा राजधानी में होने वाली सभी सभाओं पर भी प्रतिबंध लगाया गया।
साथ ही अब सत्तारूढ़ अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर के द्वारा पूरे देश में कर्फ्यू लगाने की भी घोषणा की गई है।
शेख हसीना सरकार के द्वारा सैन्य बलों की तैनाती का दिया गया आदेश:
कई दिनों से देश में चल रही घातक झड़पों के बाद वहां कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए शेख हसीना की सरकार के द्वारा सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया गया है। बांग्लादेश में बीते शुक्रवार को सभी न्यूज चैनल भी बंद रहे तथा दूरसंचार व्यापक रूप से पूरे देश में बाधित रहा।
हालांकि पूरे देश में मनोरंजन चैनलों का प्रसारण पहले की तरफ सामान्य रूप से ही जारी था। इसके साथ ही कुछ समाचार चैनलों पर यह भी संदेश चलाया जा रहा था कि वह तकनीकी कारणों से समाचार प्रसारण करने में सक्षम नहीं हैं।
प्रदर्शनकारी छात्र 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म करने की कर रहे मांग:
दरअसल प्रदर्शनकारी वर्ष 1971 में मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले सभी परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत के आरक्षण को खत्म करने की लगातार मांग कर रहे हैं।
बता दें कि इसके लिए देश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के द्वारा भी प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन किया गया है। जिसके बाद शेख हसीना की पार्टी के द्वारा उन पर हिंसा भड़काने का आरोप भी लगाया गया है।
405 भारतीय वापस लौटे:
बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा से अब तक कई भारतीय छात्र भी प्रभावित हुए हैं। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के द्वारा यह बताया गया है कि पड़ोसी मुल्क में फंसे हुए कुल 405 भारतीय छात्रों को फिलहाल बांग्लादेश से सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया है और वह सभी भारत सुरक्षित लौट चुके हैं।
शुक्रवार को दोबारा हिंसा हुई, अब तक करीब 105 लोगों की मौत:
दरअसल देश के कुछ हिस्सों में बीते शुक्रवार को एक बात फिर हिंसा हुई। इस दौरान करीब 4 लोगों की मौत भी हो गई। एक अखबार के अनुसार सरकार को देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुरुवार को देर रात सेना भी बुलानी पड़ी थी।
वहीं समाचार एजेंसी AFP के अनुसार इस पूरे सप्ताह में हुई झड़पों में अब तक लगभग 105 लोग मारे गए हैं तथा 2,500 से अधिक के करीब लोग घायल हुए हैं। हालांकि इस जानकारी की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं किंजा सकी है।
राजधानी ढाका सहित कई जगहों पर बीते शुक्रवार की सुबह इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं तथा मोबाइल डाटा भी बंद रहा। इसके कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक तथा वाट्सएप जैसे अन्य कई प्लेटफार्म का उपयोग भी नहीं हो पा रहा था।
जिस वजह से विदेश से आने वाली अधिकतर फोन कॉल कनेक्ट ही नहीं हो पा रही थीं। बता दें कि इंटरनेट न होने के कारण विदेशी लोगों की काल कनेक्ट नहीं हो पा रही थीं।
न्यूज चैनल रहे बंद तथा दूरसंचार व्यापक रूप से रहा बाधित:
बांग्लादेश में स्थित कई समाचार पत्रों की वेबसाइटें भी शुक्रवार सुबह से अपडेट नहीं हो रही थीं। साथ ही उनके इंटरनेट मीडिया हैंडल तक सक्रिय नहीं थे। यहां तक कि देश में SMS भी नहीं जा रहे थे। बता दें कि देश में सिर्फ कुछ वायस कॉल ही काम कर रहे थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय की भी वेबसाइट को किया हैक:
समाचार एजेंसियों को ऐसा लगता है कि प्रदर्शनकारियों के द्वारा बांग्लादेश केंद्रीय बैंक के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय तथा पुलिस की आधिकारिक वेबसाइटों को भी हैक कर लिया गया है। साइट पर आपरेशन हंटडाउन एवं छात्रों को मारना बंद करो लिखा हुआ नजर आ रहा है।
इसके अतिरिक्त वहां यह भी लिखा है कि अब यह विरोध नहीं सीधे युद्ध होगा। बताया जा रहा है कि वेबसाइट के निचले भाग में एक दूसरा संदेश में बताया गया है, जिसमे कहा गया है कि अपने आप को तैयार करें। अब न्याय के लिए लड़ाई देश में शुरू हो गई है।
UN महासचिव ने बातचीत करने का किया आग्रह:
हिंसक घटनाओं के बीच ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस के द्वारा बांग्लादेश सरकार से बातचीत करने के लिए एक अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को सरकार से बातचीत करने में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक के द्वारा कहा गया है कि हिंसा कभी भी कोई समाधान नहीं है।