सीतापुर : सीतापुर जिले के तालगांव थाना क्षेत्र में स्थित केपी सिंह मेमोरियल इंस्टिट्यूट में हाल ही में हुए नर्सिंग पेपरलीक कांड में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके साथ ही, परीक्षा केंद्र के प्रभारी को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि टीसीएस के इन अधिकारियों ने ही सर्वर में छेड़छाड़ कर के परीक्षा के पेपर को लीक किया था। उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश 2024 और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से गिरफ्तार किए गए आरोपी
सीतापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) चक्रेश मिश्र ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के नैमिष पुरम निवासी अमित मिश्रा, शहर कोतवाली क्षेत्र के विजयलक्ष्मी नगर निवासी उत्कर्ष मिश्रा, आदर्श नगर के निवासी अंकित श्रीवास्तव, और न्यू गल्ला मंडी के निवासी गौरव राजवंशी शामिल हैं। इन सभी को नैपालापुर से बिजवार की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से गिरफ्तार किया गया है। इन अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने 3 लैपटॉप, 5 मोबाइल, एक प्रिंटर, और 3 डायरियां बरामद की हैं।
टीसीएस में अधिकारी के पद नियुक्त थे तीन आरोपी
उत्कर्ष, अंकित, और गौरव टीसीएस में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उनकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना था कि परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी न हो और परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न हो। लेकिन उन्होंने ही इस जिम्मेदारी का दुरुपयोग करते हुए सर्वर में एक एक्सटेंशन सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया और फिर परीक्षा शुरू होने के बाद सर्वर को रिबूट कर दिया। इसके बाद उन्होंने प्रश्न पत्र का प्रिंट आउट निकाला और अपने गिरोह के माध्यम से उत्तरमाला तैयार करवाई।
22 छात्रों तक पहुंचाना था पेपर
पुलिस जांच के अनुसार, इस लीक हुए प्रश्न पत्र को 22 छात्रों तक पहुंचाने की कोशिश की गई थी, लेकिन केवल 8 छात्रों तक ही इसे पहुंचाया जा सका। इन आठ छात्रों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस पेपरलीक कांड में संलिप्तता के आरोप में परीक्षा केंद्र के संजय पाण्डेय को भी गिरफ्तार किया गया है।
टीसीएस को किया जाएगा ब्लैकलिस्ट?
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि टीसीएस के अन्य कर्मचारियों की भी संलिप्तता की जांच की जा रही है। इसके अलावा, परीक्षा केंद्र और टीसीएस को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। एसपी ने यह भी जानकारी दी कि एसजीपीजीआई से संबंधित अभ्यर्थियों की सूचना प्राप्त कर उनके अभ्यर्थन को निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर उठे सवाल?
इस घटना से राज्य में होने वाली परीक्षाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पेपरलीक कांड ने न केवल उन छात्रों की मेहनत पर पानी फेर दिया जो ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, बल्कि इसने परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को भी हिला कर रख दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।