हरियाणा: प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए एक जरूरी घोषणा की। सीएम सैनी ने घोषणा कि अब प्रदेश के अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्र अगर देश के किसी भी सरकारी मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करेंगे तो उन्हें पूरे शैक्षणिक खर्च के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी। यह नई सुविधा शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगी।मुख्यमंत्री ने यह घोषणा गुरुग्राम में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में की जो अखिल भारतीय सैनी सेवा समाज द्वारा आयोजित किया गया था। इस मौके पर उत्तर प्रदेश और बिहार के उपमुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कई सांसद भी मौजूद रहे।
“महात्मा फुले की शिक्षा ने लगाई समाज में बदलाव की चिंगारी*
मुख्यमंत्री सैनी ने महात्मा ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जब भारत पराधीन था तब फुले जी ने समाज में बदलाव की अलख जगाई थी। उन्होंने बाल विवाह, छुआछूत और महिलाओं की शिक्षा जैसे मुद्दों पर खुलकर काम किया। उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर पुणे में देश का पहला बालिकाओं का स्कूल खोला था। सावित्रीबाई भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं और उन्होंने महिला सशक्तिकरण की नींव रखी थी।सैनी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का नारा भी इन्हीं विचारों से प्रेरित है। सरकार की यही सोच है कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचे।
सैनी समाज का योगदान अतुलनीय
मुख्यमंत्री ने सैनी समाज के इतिहास को याद करते हुए कहा कि यह समाज मेहनत, सेवा और त्याग में हमेशा अग्रणी रहा है। चाहे कृषि हो, बागवानी हो या सामाजिक सेवा, सैनी समाज ने हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे महान समाज सुधारक इसी समाज से आते हैं जिनका योगदान अतुलनीय है।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मिलेगी इसकी सुविधा
सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए कई अन्य योजनाओं की भी घोषणा की है। अब ओबीसी वर्ग के लिए क्रीमी लेयर की सालाना आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही, ओबीसी-बी श्रेणी को पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में आरक्षण का लाभ मिलेगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन परिवारों की सालाना आय 3 लाख रुपये तक है उनके बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सरकार आर्थिक सहायता देगी। भारत में पढ़ाई के लिए 15 लाख रुपये तक और विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण केवल 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
बनाया जायेगा एक अलग पोर्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कॉलरशिप योजना को लागू करने के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा जहां योग्य छात्र आवेदन कर सकेंगे। इससे प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होगी। यह कदम राज्य के हजारों गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करेगा।