दिल्ली में EWS सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी पर रोक!: पहले पूर्व में जारी सर्टिफिकेटों की होगी जांच फिर...फर्जीवाड़े की आशंका के चलते बड़ा झटका?
दिल्ली में EWS सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी पर रोक!

दिल्ली: राजधानी में EWS यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए प्रमाण पत्र जारी करने पर तत्काल रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने फर्जीवाड़े और गड़बड़ियों की आशंका को देखते हुए यह बड़ा कदम उठाया है। खास बात ये है कि यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब CBSE बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे आने वाले हैं और देशभर के विश्वविद्यालयों में एडमिशन प्रोसेस शुरू होने जा रही है।

 क्यों रोका गया EWS सर्टिफिकेट! 

राजस्व विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अब तक जो ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, उनकी व्यापक जांच की जाएगी। सरकार को आशंका है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को यह सर्टिफिकेट जारी किया गया है जो इसके लिए पात्र ही नहीं थे।

 अगले आदेश तक तत्काल रोक 

सिविल लाइंस स्थित राजस्व विभाग मुख्यालय में हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपायुक्त संजीव मित्तल द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगले आदेश तक कोई नया प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।

 किसे मिलेगा झटका? 

●जिन अभ्यर्थियों को CUET, JEE, NEET जैसे एग्जाम में आरक्षण का लाभ लेना है

●CBSE बोर्ड के बाद स्कूलों में एडमिशन के लिए आवेदन कर रहे बच्चे और अभिभावक

●जिन लोगों को सरकारी नौकरियों में EWS कोटे के तहत आवेदन करना है
इन सभी को अब लंबा इंतजार करना पड़ सकता है, और उनके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।

 EWS सर्टिफिकेट है क्या? 

यह प्रमाण पत्र 10% आरक्षण दिलाता है उन लोगों को, जो SC, ST या OBC कैटेगरी में नहीं आते और वार्षिक आय 8 लाख से कम है।इसका उपयोग शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में किया जाता है।इसे जिला राजस्व कार्यालय से जारी किया जाता है।

 जनता परेशान – “हमने गलती नहीं की, तो रोका क्यों गया?” 

सैंकड़ों छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वालों को सज़ा दो, मगर सभी को रोकना गलत है।ऑनलाइन पोर्टलों पर सर्टिफिकेट आवेदन करने वाले अब फॉलोअप और तारीखों के इंतज़ार में हैं।

 राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप जारी 

इस फैसले ने दिल्ली की राजनीति में भी भूचाल ला दिया है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार गरीब छात्रों को जानबूझकर शिक्षा से दूर करना चाहती है।
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा –
“अगर फर्जीवाड़ा हुआ है तो दोषियों को सज़ा दो, लेकिन छात्रों का भविष्य मत बिगाड़ो।”वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह फैसला AAP सरकार की पुरानी धांधलियों की सफाई के तहत लिया गया है।

 अब आगे क्या? 

●पहले से जारी सर्टिफिकेट्स की जांच होगी

●नई पॉलिसी के तहत प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी

●सभी अधिकारियों को सख्ती से आदेश दिए गए हैं कि कोई नया सर्टिफिकेट फिलहाल न जारी करें।

सरकार ने संकेत दिए हैं कि जांच पूरी होने के बाद ही प्रमाणपत्रों की प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी।लेकिन सवाल यह है कि तब तक हज़ारों छात्रों के एडमिशन और करियर का क्या होगा?

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