विदेश: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा चीन पर अब 125% से बढ़ाकर लगभग 245% टैरिफ लगा दिया गया है। जिससे अमेरिका और चीन के बीच यह ट्रेड वार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं अब इस बीच चीन के द्वारा भी ट्रंप के इस फैसले पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की गई है।दरअसल चीन के विदेश मंत्रालय के द्वारा आज यानि गुरुवार को यह कहा गया कि यदि राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका के द्वारा यह 'टैरिफ नंबर गेम' खेलना जारी रखा जाता है तो चीन के द्वारा इसे नजरअंदाज किया जाएगा और इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जाएगा
अमेरिकी फैक्ट शीट में क्या था?
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को अमेरिका की तरफ से जारी एक फैक्ट शीट में व्हाइट हाउस के द्वारा कहा गया था कि चीन के कुल शुल्कों में अब 125% का नया रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाएगा। साथ ही फेंटेनाइल संकट से निपटने के लिए भी 20% टैरिफ एवं अनुचित व्यापार के तरीकों से निपटने के लिए भी कुछ चुनिंदा सामानों पर 7.5% से लेकर 100% के बीच का टैरिफ शामिल है।
दर्जनों देशों से वापस लिया था उच्च रेसिप्रोकल टैरिफ लेकिन चीन पर जारी रहा शुल्क:
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगभग 2 सप्ताह पहले भी सभी देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की गई थी। हालांकि उसके पश्चात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दर्जनों देशों पर लगाए गए उच्च रेसिप्रोकल टैरिफ को वापस भी ले लिया गया था। जबकि दूसरी तरफ चीन पर यह शुल्क जारी रखा गया था।
बातचीत केवल पारस्परिक सम्मान तथा समानता के आधार पर होती है: चीन
आपको बता दें कि बीजिंग के द्वारा ट्रंप के टैरिफ वार के जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर अपने स्वयं के शुल्क बढ़ा दिए गए और बातचीत की कोई भी मांग नहीं की गई थी। जिसके बारे में चीन का कहना है कि बातचीत केवल पारस्परिक सम्मान तथा समानता के आधार पर ही की जा सकती है।हालांकि इस बीच कई अन्य देशों के द्वारा अमेरिका के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर विचार करना शुरू कर दिया गया है। पिछले हफ़्ते चीन के द्वारा भी विश्व व्यापार संगठन में एक नई शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें अमेरिकी टैरिफ़ पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी। जिसमें वाशिंगटन पर वैश्विक व्यापार निकाय के कई नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
अमेरिका ने कहा कि चीन को है 'हमारे पैसों' की जरूरत:
दरअसल चीन के द्वारा इस सप्ताह अप्रत्याशित रूप से एक नए व्यापार वार्ताकार की नियुक्ति की गई है जो बढ़ते टैरिफ युद्ध को हल करने के लिए चीन की तरफ से किसी भी वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। चीन ने ज़ार वांग शॉवेन की जगह अब ली चेंगगांग को नियुक्त किया है, जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इसके दूत हैं।
वहीं वाशिंगटन के द्वारा कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ में व्यापार समझौता करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए बीजिंग को ही पहला कदम उठाना चाहिए। साथ ही उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि चीन को 'हमारे पैसों' की बहुत जरूरत है। लेकिन चीन का वर्तमान रुख उसे आर्थिक रूप से परेशान कर सकता है।