नई दिल्ली/श्रीनगर: 22 अप्रैल को पहलगाम की वादियों में गूंजे गोलियों के तड़तड़ाहट ने न केवल जिंदगियां छीनीं, बल्कि कश्मीर की सुकूनभरी छवि को भी चीर कर रख दिया।
अब इसका डर सम्पूर्ण भारत में देखा जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 10 में से 6 भारतीय परिवारों यानी 60% लोगों ने कश्मीर यात्रा कैंसिल कर दी है, और वहीं 21% लोग अगले तीन साल तक कश्मीर न जाने का फैसला कर चुके हैं।
क्या कहती हैं ट्रैवल इंडस्ट्री की रिपोर्ट्स?
आपको बता दे कि पहलगाम, जो कभी प्रेम और शांति का प्रतीक था, अब दहशत की तस्वीर बन चुका है। होटल इंडस्ट्री बेहाल हो चुकी है।टैक्सी ऑपरेटर खाली गाड़ियों के साथ बैठकर राह तक रहे हैं।
80% ट्रैवल एजेंसियों का कहना है कि मई-जून की छुट्टियों के लिए बुकिंग्स पर लगभग विराम लग गया है।
62% से ज्यादा बुकिंग्स कश्मीर के लिए पिछले एक हफ्ते में कैंसल हो चुकी हैं।
प्रमुख ट्रैवल वेबसाइट्स पर कश्मीर पैकेजेज की सर्च ट्रेंड्स में 48% गिरावट आई है।
कई होटल मालिकों का कहना है कि उन्होंने मई-जून की 70% बुकिंग्स की एडवांस राशि वापस करनी शुरू कर दी है।
वहीं श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम के गाइड्स और टैक्सी ऑपरेटर्स का धंधा ठप पड़ने लगा है।
ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि "पहलगाम हमला एक ऐसा झटका है, जिसकी भरपाई सालों तक नहीं हो सकेगी।"
अमरनाथ यात्रा भी खतरे में?
गौरतलब है कि कश्मीर के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन अमरनाथ यात्रा पर भी इस घटना का गहरा असर दिखने लगा है। आपको बता दे कि अब तक 15% अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन कैंसल हो चुके हैं।लाखों श्रद्धालुओं के मन में यात्रा की सुरक्षा को लेकर संशय गहरा गया है।तीर्थयात्रियों के कई समूहों ने यात्रा स्थगित करने या विशेष सुरक्षा आश्वासन की मांग की है।
सरकार ने हालांकि भरोसा दिलाया है कि अमरनाथ यात्रा किसी भी कीमत पर रद्द नहीं होगी, यात्रा की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। लेकिन डर का माहौल एक बार बन जाए, तो उसे मिटाना आसान नहीं होता...
बॉर्डर पर हलचल: सैन्य तैयारियां तेज
आपको बता दे कि पहलगाम हमले के ठीक बाद भारत ने फाइटर जेट्स और भारी सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। वायुसेना ने 'आक्रमण' ऑपरेशन लॉन्च किया है जिसमें राफेल और सुखोई लड़ाकू विमानों ने पहाड़ी इलाकों पर बमबारी के अभ्यास किए हैं। इसके साथ ही भारत ने अरब सागर में मिसाइल टेस्टिंग भी तेज कर दी है। सूत्रों के भारतीय फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है।
दुनिया की नजरें भारत-पाक पर
इस बार भारत का रुख बेहद सख्त है। पाकिस्तान को भी इसका अंदाजा है। सऊदी अरब, ईरान, और अमेरिका जैसे देश तुरंत मध्यस्थता में कूद पड़े हैं। वहीं सऊदी विदेश मंत्री और ईरान ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए वार्ताओं का दौर शुरू किया है।
लेकिन भारत के रणनीतिकार मान रहे हैं कि, अब आतंक के खिलाफ सिर्फ बातचीत नहीं, निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है।
कश्मीरियों की उम्मीदें टूटतीं दिख रही हैं
गौरतलब है कि पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग जैसे हिल स्टेशनों पर जिंदगी ठहर गई है। दुकानों के शटर गिरे हुए हैं। पर्यटक स्थल वीरान हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा है। लोग घरों में कैद हैं, होटल इंडस्ट्री रोजाना करोड़ों का नुकसान झेल रही है।
स्थानीय कारोबारी का कहना है कि कश्मीर फिर से 90 के दशक की ओर लौटता दिख रहा है...
सोशल मीडिया पर गुस्सा और दर्द की सुनामी
हमले के बाद X पर
#RevengeForPahalgam,
#JusticeForVictims
#CrushTerrorism
जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
लोगों की मांग है कि अब कड़े से कड़ा एक्शन लिया जाए।
क्या मिल सकेंगे अब इन सवालों के जवाब?:
क्या कश्मीर का खोया भरोसा लौट पाएगा?
क्या पहलगाम का बदला आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आगाज बनेगा?
या फिर फिर एक बार डर की राजनीति, उम्मीदों पर भारी पड़ जाएगी?
पहलगाम का हमला सिर्फ 26 निर्दोष जानें नहीं ले गया, बल्कि कश्मीर के पर्यटन, व्यापार और भरोसे को भी गहरी चोट पहुँचा गया है। आने वाले हफ्तों में सरकार की कार्रवाई, सेना का सख्त पहरा और स्थिरता बहाल करने की कोशिशें ही तय करेंगी कि क्या कश्मीर फिर से सैलानियों के लिए 'धरती का स्वर्ग' बन पाएगा... या डर का गढ़ बन जाएगा।