अब दिल्ली में चलेगी 3 कोच वाली मेट्रो!: प्रतिदिन करीब 80 हजार लोगों को मिलेगी सुविधा, जानें कब से शुरू होगा परिचालन और क्या होगा मेट्रो रूट?
अब दिल्ली में चलेगी 3 कोच वाली मेट्रो!

नई दिल्ली: दिल्ली में फेज 4 के अंतर्गत चलने वाली लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक मेट्रो लाइन अब देश की पहली ऐसी मेट्रो लाइन होगी जिस पर 3 कोच की मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी। वहीं इस कॉरिडोर पर पहला तथा आखिरी दोनों स्टेशन वर्तमान 2 इंटरचेंज स्टेशन से जुड़े होंगे तथा यह कॉरिडोर लाजपत नगर मार्केट एवं सलेक्ट सिटी वॉक मॉल को मेट्रो नेटवर्क से भी जोड़ेगा।

आखिर कितनी होगी इस मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई:

आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) का यह कहना है कि व्यस्त समय में इस कॉरिडोर पर जितने भी यात्रियों के सफर करने का अनुमान है उसे मात्र 3 कोच की मेट्रो से काफी आसानी से पूरा किया जा सकता है।

साथ ही करीब 8 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर पर कुल 8 मेट्रो स्टेशन होंगे। यह वर्तमान मौजूद ग्रे लाइन अर्थात द्वारका-ढांसा बस स्टैंड के बाद दिल्ली मेट्रो का दूसरा सबसे छोटा कॉरिडोर बन जाएगा।

सामान्य मेट्रो स्टेशनों की तुलना में छोटे होंगे प्लेटफॉर्म:

वहीं इन स्टेशनों के प्लेटफार्म की बात करें तो वह सामान्य मेट्रो स्टेशनों की तुलना में छोटे अवश्य होंगे। देश में 4, 6 व 8 कोच की मेट्रो का भी परिचालन हो रहा है। गौरतलब है कि स्टैंडर्ड गेज के वर्तमान कॉरिडोर के मेट्रो स्टेशनों के सभी प्लेटफार्म की लंबाई सामान्य तौर पर तो 140 मीटर होती है। स्टेंडर्ड गेज के कॉरिडोर पर अभी कुल 6 कोच की मेट्रो का परिचालन ही हो रहा है।

जानते हैं कि कब से शुरू होगा मेट्रो का काम:

आपको बता दें कि लाजपत नगर-साकेत G ब्लॉक कॉरिडोर के प्लेटफार्म की कुल लंबाई 74 मीटर होगी। वहीं डीएमआरसी के द्वारा इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए जनवरी माह में ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

वहीं टेंडर आवंटन के पश्चात जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा तथा करीब 3 वर्ष में बनकर यह तैयार होगा। प्लेटफार्म छोटे तथा तीन कोच की मेट्रो का परिचालन होने से इस कॉरिडोर के निर्माण एवं संचालन शुरू करने में लागत बेहद कम हो जाएगी।

रोजाना कितने यात्रियों को मिलेगी सुविधा:

गौरतलब है कि योजना के अनुसार यह कॉरिडोर साल 2025 से पहले ही बनकर तैयार होनी थी, लेकिन इस कॉरिडोर को पिछले साल ही निर्माण के लिए सरकार से स्वीकृति मिली थी। यदि यह कॉरिडोर बनकर अब तक तैयार हो जाता तो इस वर्ष प्रतिदिन करीब 60,000 से लेकर 80,000 यात्रियों के सफर करने का अनुमान लगाया गया था।

इस कॉरिडोर पर होंगे यह स्टेशन और उसके अनेक फायदे:

1)लाजपत नगर - पिंक तथा वायलेट लाइनों के साथ इंटरचेंज, लाजपत नगर मार्केट जुड़ने वाला यह तीसरा कॉरिडोर हो जाएगा।

2)एंड्रयूज गंज - आवासीय तथा संस्थागत इलाके को मिलेगा काफी फायदा।

3)ग्रेटर कैलाश एक - ग्रेटर कैलाश तथा आसपास के इलाकों में बढ़ेगी मेट्रो सेवा।

5)चिराग दिल्ली - मैजेंटा लाइन के साथ में होगा इंटरचेंज।

6)पुष्पा भवन - सरकारी कार्यालयों तथा आवासीय कॉलोनियां मेट्रो स्टेशन से जुड़ जाएंगी।

7)साकेत कोर्ट - साकेत जिला न्यायालय परिसर तथा सलेक्ट सिटी वॉक मॉल अब बेहद आसानी से पहुंचा जा सकेगा।

8)पुष्प विहार - पुष्प विहार सेक्टर एक, तीन, चार तथा सात के निवासियों को मिलेगा फायदा।

9)साकेत जी ब्लॉक - गोल्डन लाइन (तुगलकाबाद-एरोसिटी) के साथ में होगा इंटरचेंज स्टेशन। 

10)साथ ही इस स्टेशन पर मेट्रो बदलकर आसानी से पहुंचा जा सकेगा एयरपोर्ट।

मेट्रो के 1 कोच में कितने यात्री करेंगे सफर:

साल 2041 तक इस कॉरिडोर की मेट्रो में प्रतिदिन लगभग 1 लाख 20 हजार यात्रियों के सफर करने का अनुमान लगाया गया है। वहीं मेट्रो ट्रेन के 1 कोच में कुल 300 यात्री सफर कर सकेंगे। इस लिहाजा से देखें तो 3 कोच की मेट्रो में एक बार में तकरीबन 900 यात्री आसानी से सफर कर सकेंगे। वहीं यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ साथ मेट्रो की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ाई जाएगी।

क्या कहना है DMRC का:

दरअसल डीएमआरसी का कहना है कि इस कॉरिडोर पर कुल 3 कोच के मेट्रो ट्रेनों का परिचालन होने से बिजली की खपत भी पहले की अपेक्षा काफी कम हो जाएगी और यह पर्यावरण के लिए भी काफी बेहतर होगा। साथ ही इस कॉरिडोर के बनकर तैयार होने पर दक्षिण एवं मध्य दिल्ली के बीच मेट्रो से आवागमन की सुविधा भी काफी बेहतर हो जाएगी।

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