उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बिगड़े हालात: 20 जिलों के 1571 गांव बाढ़ की चपेट में, सीएम ने तत्काल सहायता देने के दिए निर्देश?
उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बिगड़े हालात

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है। गंगा, गोमती और घाघरा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, रामगंगा, गर्रा, खनौत, राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कानो और शारदा नदियाँ भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बाढ़ के कारण लखीमपुर खीरी से बलरामपुर, अयोध्या, उन्नाव और बलिया सहित 20 जिलों के करीब 1571 गांव प्रभावित हुए हैं। बलिया में घाघरा नदी के कटाव से 13 गांव पानी में डूब गए हैं। वाराणसी में 48 घंटों के भीतर गंगा का जलस्तर दो मीटर तक बढ़ गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने और 24 घंटे के भीतर मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बाढ़ पीड़ितों के साथ शिष्टता से पेश आने की नसीहत दी है। 

बाढ़ से 14.80 लाख नागरिक प्रभावित, 5.29 लाख की संपत्तियों को नुकसान

बैठक में बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक 20 जिलों की 69 तहसीलों के 1571 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र भी इस आपदा से अछूते नहीं रहे। कुल मिलाकर, इस बाढ़ का असर 14.80 लाख लोगों पर पड़ा है, जिसमें से 5.29 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी संपत्तियों (खेती, मकान, गृहस्थी और पशु) को गंभीर नुकसान पहुंचा है। जलभराव के कारण प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। सेटेलाइट से प्राप्त जलभराव डेटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर खेती के नुकसान की पुष्टि कराई जा रही है। साथ ही, ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि नुकसान का सही-सही आकलन किया जा सके।

लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के कटाव से देवी मंदिर नदी में समाया

लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के भूमि कटान के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सोमवार को चार घंटे के भीतर बेलहा सिकटिहा गांव के पास स्थित देवी मंदिर नदी में समा गया, जिससे ग्रामीणों की धड़कनें तेज हो गई हैं। यह घटना नदी के कटाव की तीव्रता को दर्शाती है और क्षेत्र की गंभीर स्थिति को उजागर करती है।

गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से 93 सेंटीमीटर ऊपर

गोरखपुर में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 93 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। पिछले चौबीस घंटों में इसमें 20 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बढ़ोतरी से पहले से ही संकट में पड़े इलाकों की स्थिति और भी खराब हो गई है।

काशी में गंगा का जलस्तर 61.79 मीटर, आठ घाटों का संपर्क टूटा

काशी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दूसरे दिन भी जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही, जिससे आठ घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर 61.79 मीटर दर्ज किया गया है। रत्नेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब गया है। इसके अलावा, प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती का स्थल भी बदलना पड़ा है। विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से लगे ललिता घाट और मणिकर्णिका घाट के रैंप पर भी पानी चढ़ गया है। 

इस समय, उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार काम कर रही हैं, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सके। इस विकट परिस्थिति में सरकार का पूरा ध्यान बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा और सहायता पर केंद्रित है।

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