डूसू चुनाव 2024-25: नियमों की अनदेखी पर उम्मीदवारों का नामांकन होगा निरस्त? साथ ही होगी कानूनी कार्रवाई?
डूसू चुनाव 2024-25

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के प्रचार गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है। उम्मीदवारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने नाम और मतपत्र संख्या वाले सभी बैनर और पोस्टर, जो विश्वविद्यालय परिसर में लगाए गए हैं, 24 घंटे के भीतर हटा लें। ऐसा न करने पर उन्हें न केवल चुनाव से अयोग्य घोषित किया जा सकता है, बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।


मुद्रित पोस्टर और बैनर का इस्तेमाल है प्रतिबंधित

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार, चुनाव प्रचार के लिए मुद्रित पोस्टर और बैनर का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर बड़ी संख्या में पोस्टर लगे हुए हैं और कई स्थानों पर होर्डिंग्स भी दिखाई दे रहे हैं। इस पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देते हुए सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुद्दे पर एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया है कि उम्मीदवारों को लिंगदोह समिति के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।


24 घंटे के भीतर उम्मीदवार बैनर और मुद्रित पोस्टर हटाए

मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. सत्यपाल सिंह द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी उम्मीदवारों को ई-मेल के माध्यम से यह निर्देश दिया गया है कि वे मेल प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर अपने नाम और मतपत्र संख्या वाले बैनर और मुद्रित पोस्टर हटा दें। यदि उम्मीदवार इस निर्देश का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जा सकता है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इस कार्रवाई में आपराधिक दंड का प्रावधान भी शामिल है।


प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों पर है नजर

प्रो. सत्यपाल सिंह ने यह भी कहा कि डूसू चुनाव कार्यालय उम्मीदवारों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे प्रचार के अन्य साधनों पर भी नजर रख रहा है, जिसमें रैलियां, बैनर, पोस्टर और प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों की संख्या शामिल है। उन्होंने कहा कि ये सभी गतिविधियां लिंगदोह समिति की सिफारिशों के दायरे में होनी चाहिए। प्रचार के दौरान इन नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।


सार्वजनिक या निजी संपत्तियों को कोई नुकसान न हो

डूसू चुनाव 2024-25 में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों को चुनाव आचार संहिता का पालन करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही उन्हें लिंगदोह समिति द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों, और दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम जैसे कानूनों का पालन करने की भी सलाह दी गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रचार के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे और पर्यावरण को कोई हानि न हो।

चुनावी प्रक्रिया को पर्यावरण-संवेदनशील बनाने का प्रयास

इन निर्देशों के जरिए चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ, पारदर्शी और पर्यावरण-संवेदनशील बनाने की कोशिश की जा रही है। इसका उद्देश्य यह भी है कि छात्रों को चुनाव में भाग लेने के दौरान सही और निष्पक्ष तरीके से अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिले, साथ ही प्रचार के दौरान विश्वविद्यालय परिसर की गरिमा और स्वच्छता बनी रहे।

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