नोएडा: सूबे के बहुचर्चित हैसिंडा प्रोजेक्ट जमीन घोटाले में अब ईडी का शिकंजा बेहद गंभीर होता जा रहा है। ये सिर्फ एक जमीन घोटाला नहीं, बल्कि इसमें नोटबंदी दौरान बदली गई करंसी से लेकर लंदन-दुबई में होटल और नोएडा में 'महल' जैसे बंगलों की कहानी सामने आई है। अब इस घोटाले में पूर्व नोएडा अथॉरिटी CEO संजीव सरन पर जांच की आंच ओर तेज हो गई है।
ईडी की कार्रवाई और नया मोड़
ईडी ने हैसिंडा ग्रुप के ठिकानों पर पिछले साल छापेमारी कर करोड़ों के गबन से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद किए, अब पूर्व IFS अधिकारी एके जैन के परिवार ने संजीव सरन के खिलाफ ईडी मुख्यालय दिल्ली को विस्तृत दस्तावेज, तस्वीरें और पुराने पत्र सौंपे हैं। फलत: ईडी ने संजीव सरन को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
IFS अधिकारी एके जैन का धमाकेदार पत्र!
2017 में IFS एके जैन ने शासन को खत लिखकर IAS संजीव सरन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने निम्नलिखित आरोप लगाए थे -
●नोटबंदी में काले धन को सफेद करने का खेल
●लंदन और दुबई में होटल का मालिकाना हक
●नोएडा सेक्टर 40 में तीन मंजिला महलनुमा बंगला – जिसकी तस्वीर भी भेजी गई थी।
●नोएडा अथॉरिटी में 4721 करोड़ रुपये के घोटाले का जिक्र।
2018 में हो गयी थी रहस्यमयी तरीके से मौत
2018 में एक सड़क हादसे में एके जैन की रहस्यमय मौत हो गई थी, लेकिन उनका परिवार अब इन आरोपों को लेकर सामने आ गया है।
कौन-कौन अफसर शक के घेरे में?
संजीव सरन: पूर्व CEO, आरोपों का मुख्य चेहरा
मोहिंदर सिंह: उनके ठिकानों से करोड़ों की बरामदगी
रमारमण: पूर्व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण CEO, जिनसे घंटों पूछताछ...
हैसिंडा ग्रुप के प्रमोटर, जो जमीन सौदों में मुख्य खिलाड़ी रहे
कहां-कहां हुआ घोटाले का खेल?
नोएडा अथॉरिटी में नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर मनचाही ज़मीन का आवंटन किया साथ ही बोगस कंपनियों और बेनामी खातों के जरिए पैसे की अदला-बदली होती रही। जहाँ नोटबंदी के दौरान पुरानी करंसी को नई में बदलने का गुप्त नेटवर्क भी कार्य करता रहा वहीं विदेशी संपत्तियों में निवेश कर काले पैसे को सफेद बनाने का भी आरोप लगाया गया है।
अब आगे क्या होगा!
ईडी की टीम संजीव सरन की नोएडा से लेकर मुंबई, लन्दन तक संपत्तियों की जांच करेगी साथ ही हो सकता है प्रवर्तन निदेशालय विदेशी संपत्तियों के रिकॉर्ड भी मंगवाए। फिर पूछताछ के बाद दोषी पाए जाने पर गिरफ्तारी की भी तैयारी हो सकती है।
अब पूरे सिस्टम पर सवाल, क्या होगी किसी को सजा?
यह मामला सिर्फ एक घोटाले का नहीं, बल्कि व्यवस्था में छिपे ‘सफेदपोश’ अपराधियों की पोल खोल रहा है। एक ईमानदार अफसर की मौत, नोटबंदी में काले धन का खेल और नोएडा जैसे संवेदनशील इलाके में अरबों का हेरफेर – यह सिर्फ जांच नहीं, बल्कि देश की नौकरशाही की आत्मा को झकझोर देने वाला मामला बन चुका है।