आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर का खूबसूरत और शांत पहलगाम मंगलवार को खून से लाल हो गया। दरअसल सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने बायसरन घाटी में वह हैवानियत दिखाई, जिसने पुलवामा की भयावहता को भी पीछे छोड़ दिया। 6 आतंकियों की इस सुनियोजित बर्बरता में 27 मासूम पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी गई। दर्जनों अब भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।
सेना की वर्दी पहनकर आए थे आतंकी: पूछा नाम, की आईडी चेक, कलमा पढ़वाया...फिर कहा हिंदू हो, मार दी गोली?
दोपहर करीब 3 बजे जब पर्यटक बायसरन घाटी में टट्टू पर सवारी कर रहे थे, तभी घास के मैदानों से सेना की वर्दी पहने 6 आतंकी निकले, पहले उन्होंने लोगों से पहचान पत्र मांगे, धर्म पूछा और जब 'हिंदू' जवाब मिला तो बिना किसी दया के अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। नतीजा – लाशों से पट गई घाटी। इस हमले में 2 विदेशी नागरिक और 2 स्थानीय लोगों के मारे जाने की भी खबर हैं।
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी, लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन?
खुफिया एजेंसियों का दावा है कि हमले की पूरी योजना टीआरएफ के कमांडर सैफुल्लाह ने रची थी। आतंकियों ने इलाके की पूरी रेकी पहले से ही की हुई थी। बिना नंबर प्लेट की मोटरसाइकिल घटनास्थल के पास मिली है, जिससे स्पष्ट है कि यह हमला लंबे समय से प्लान किया जा रहा था।
"जाओ, मोदी को बता दो!" - आतंकियों ने ज़िंदा छोड़ी महिला, दी धमकी कहा मोदी को बता दो?
एक चश्मदीद महिला ने बताया कि उसके पति को आतंकियों ने सिर में गोली मार दी। जब उसने खुद को भी मारने की गुहार लगाई, तो आतंकी बोले, "तुम्हें नहीं मारेंगे...जाओ मोदी को बता दो!" यह बयान अब देशभर में चर्चा का विषय बन चुका है।
पीएम मोदी ने बीच में ही छोड़ा सऊदी दौरा, अजीत डोभाल-अमित शाह से लिया अपडेट?
जैसे ही खबर पीएम मोदी तक पहुंची, उन्होंने तुरंत सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा रद्द की और वापस वतन लौटे। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत सीनियर अफसरों को बुलाया और श्रीनगर पहुंच गए।
श्रीनगर में उच्च स्तरीय मीटिंग, NSA डोभाल और CM उमर अब्दुल्ला भी मौजूद
राजभवन में हुई आपात बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, गृह सचिव, आईबी चीफ और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी शामिल हुए। शाह ने घटना को “पाक प्रायोजित नरसंहार” बताया। हमले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।
पीड़ितों की सूची: कौन थे वे जो कभी लौटकर नहीं आए...
कर्नाटक: मंजुनाथ राव
महाराष्ट्र: दलीप जयराम, बोटन अधकेरी, अतुल श्रीकांत, संजय लखन
गुजरात: हिम्मत भाई, प्रशांत बलेश्वर, मनीश राजदान, रामचंद्रम, शलिंद्र कालापिया
अनंतनाग: सैयद हुसैन शाह
विदेशी नागरिक: नेपाल के संदीप नवपने, UAE के रादीप कुमार उधवानी
घाटी में इंटरनेट बंद, चप्पे-चप्पे पर गहन तलाशी, हेलीकॉप्टर से सर्च ऑपरेशन जारी!
हमले के बाद पूरे पहलगाम, अनंतनाग और श्रीनगर में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर से आतंकियों की तलाश हो रही है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं, जबकि सेना की 15वीं कोर को ऑपरेशन के लिए सक्रिय किया गया है।
“यह हमला सिर्फ इंसानों पर नहीं, इंसानियत पर है” – उमर अब्दुल्ला
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा – “इस हमले की जितनी निंदा की जाए कम है। ये दरिंदे इंसान नहीं, हैवान हैं।” वहीं, केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि यह हमला अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है।
पर्यटन व्यवसायियों का फूटा गुस्सा – “हम मेहमानों को क्या जवाब देंगे?”
पहलगाम और गुलमर्ग के होटल मालिकों, टूर गाइड्स और दुकानदारों ने कहा – “ये हमला हमारी रोटी पर हमला है। आतंकियों का मकसद ही घाटी की शांति और व्यापार खत्म करना है।” कई व्यापारी कश्मीरी उत्पादों के बहिष्कार की अपील से डरे हुए हैं – “हम आतंकी नहीं, हम भी पीड़ित हैं।”
चीखों से गूंजा बायसरन घाटी और फिर छाई खामोशी!
कभी जहां हँसी-ठहाके गूंजते थे, वहाँ अब चारों तरफ मातम है। कोई अपने बेटे को ढूंढ रहा है तो कोई अपनी पत्नी को। टट्टुओं की जगह अब गोलियों के खोखे पड़े हैं। और कश्मीर फिर एक बार दुनिया के सामने सवाल बनकर खड़ा है – कब तक?
खून में डूबी वादी – और सवालों के घेरे में सरकार?
सरकार के प्रति भी लोगों ने गुस्सा दिखाया है उनका कहना है कि-
खुफिया एजेंसियों को भनक क्यों नहीं लगी?
क्या 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा खतरे में?
क्या अब भी बातचीत होगी या फिर होगी सर्जिकल स्ट्राइक?
यह हमला सिर्फ पर्यटकों पर नहीं, पूरे भारत की आत्मा पर वार है। अब देखना है कि सरकार इसका जवाब “शब्दों” से देती है या “कार्रवाई” से...