पेपर लीक किया तो अब खैर नहीं: देर रात लागू हुआ एंटी पेपर लीक कानून, पढ़े कानून के प्रमुख बिंदुओं को विस्तार से
पेपर लीक किया तो अब खैर नहीं

नीट और यूजीसी नेट के पेपर लीक संबंधित विवादों पर केंद्र सरकार की काफी आलोचना हो रही है, इन परीक्षाओं से जुड़े अभ्यर्थी भी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच केंद्र सरकार ने डैमेज कंट्रोल के लिए एंटी पेपर लीक कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

17वी लोकसभा में पारित हुआ था बिल 

चुनाव पूर्व 17वी लोकसभा में यह बिल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पास हुआ था। वही 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू द्वारा बिल को मंजूरी देने के बाद यह कानून में परिवर्तित हो गया था और अब कानून की अधिसूचना लागू होते ही कल देर रात से यह कानून पूरे देश में लागू हो गया है।

नीट परीक्षा से उठा विवाद बना कारण

ऐसे तो यह बिल 12 फरवरी को ही कानून बन गया था लेकिन अब तक इसके संबंध में अधिसूचना जारी नही की गई थी। नीट और नेट परीक्षाओं के संबंध में उठे विवादों के बाद सरकार ने आनन फानन में इस कानून की अधिसूचना जारी कर दी है।

कौन कौन सी परीक्षाओं पर होगा लागू?

यह कानून संघ लोकसेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित परीक्षाओं समेत उन सभी परीक्षाओं पर लागू होगा जिनके द्वारा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कर्मचारियों की भर्ती की जाती है। 

धर्मेंद्र प्रधान के जवाब के बाद लागू हुआ

पेपर लीक की घटनाओं के बाद से लगातार शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया जा रहा है। ऐसे ही एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा था, कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है जल्द ही एंटी पेपर लीक कानून लागू होगा। मंत्री द्वारा जवाब देने के एक दिन के भीतर ही कानून लागू कर दिया गया है।

चार साल के लिए नपेंगे परीक्षा केंद्र 

नए कानून के तहत अगर किसी परीक्षा केंद्र की संलिप्तता परीक्षा से जुड़ी किसी गड़बड़ी में पाई गई, तो ऐसे केंद्रों को 4 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। साथ ही उनकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है या संपत्ति जब्त भी करने का प्रावधान है। इतना ही नही उनसे परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी।

एंटी पेपर लीक कानून के प्रमुख बिंदु

इस कानून के तहत पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिका से छेड़ छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की सजा का प्रावधान है। इस सजा को 10 लाख रूपये जुर्माने के साथ 5 साल की कैद तक बढ़ाया जा सकता है। इस कानून में शामिल निम्न सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती प्रकार के है:- 

➡️ परीक्षा का प्रश्न पत्र या उत्तरपुस्तिका लीक करना।

➡️ प्रश्न पत्र या उत्तरपुस्तिका लीक में अन्य के साथ शामिल होना।

➡️ अनुमति के बिना प्रश्न पत्र या ओएमआर अपने पास रखना।

➡️ परीक्षा के दौरान उत्तर देने में किसी की मदद लेना।

➡️ परीक्षा में बैठे किसी अभ्यर्थी की प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से मदद करना।

➡️ परीक्षा में दिए जाने वाले प्रश्न पत्र और उत्तरपुस्तिका से छेड़छाड़ करना।

➡️ उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में अनाधिकारिक रूप से छेड़छाड़ करना।

➡️ परीक्षा एजेंसी द्वारा तय मानकों का उल्लंघन करना।

➡️ अहर्ता के लिए मांगे जाने वाले डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ करना।

➡️ परीक्षा में निर्धारित सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करना।

➡️ कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम में नेटवर्क या कंप्यूटर से छेड़छाड़ करना।

➡️ फर्जी एडमिट कार्ड बनाना या फर्जी परीक्षा कराना।

➡️ परीक्षा एजेंसियों की फर्जी वेबसाइट बनाना।

➡️ अभ्यर्थी के सीटिंग पोजीशनिंग,परीक्षा तिथि या शिफ्ट में परिवर्तन करना।

➡️ परीक्षा कराने वाली संस्था को डराना धमकाना या कार्य में बाधा उत्पन्न करना।

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