कैंसर ट्रीटमेंट के लिए 'सिद्धू फार्मूले’ की सच्चाई: क्या नीम और हल्दी से स्टेज-4 कैंसर का इलाज है संभव, जाने डॉक्टर्स की ओपिनियन?
कैंसर ट्रीटमेंट के लिए 'सिद्धू फार्मूले’ की सच्चाई

नई दिल्ली: हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने एक वीडियो के माध्यम से यह जानकारी दी कि उनकी पत्नी जो ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं अब पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं। सिद्धू ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने केवल इंटरमिटेंट फास्टिंग, हर्बल ड्रिंक्स, नीम और हल्दी जैसी प्राकृतिक चीजों का उपयोग करके स्टेज-4 कैंसर को मात दी है। हालांकि उनके इस दावे को स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने अवैज्ञानिक बताते हुए खारिज कर दिया है।

क्या कैंसर का इलाज केवल डाइट से है संभव?

एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल की सर्जिकल और ब्रेस्ट ऑनकोलॉजिस्ट डॉ. वैशाली जामरे के अनुसार केवल डाइट के माध्यम से स्टेज-4 कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एक संतुलित और पौष्टिक डाइट शरीर को मजबूत बना सकती है और इम्यूनिटी को बढ़ा सकती है लेकिन यह कैंसर के उपचार का विकल्प नहीं हो सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे चिकित्सा उपचारों से ही संभव है।

डॉ. वैशाली ने यह भी बताया कि डाइट का सही उपयोग कैंसर के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है और मरीज की जीवनशैली को बेहतर बना सकता है। सही पोषण उपचार के दौरान थकावट कम करने, ऊर्जा बनाए रखने और साइड इफेक्ट्स से उबरने में मदद करता है। हालांकि यह दावा कि केवल डाइट से कैंसर ठीक हो सकता है वह भी स्टेज-4 जैसी गंभीर स्थिति में, यह पूरी तरह से भ्रामक और खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करता हो कि कैंसर का इलाज सिर्फ आहार में बदलाव से संभव है।

पोषण और कैंसर ट्रीटमेंट के बीच संबंध

डॉ. वैशाली का कहना है कि कैंसर के इलाज के दौरान मरीज के पोषण का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी जैसे उपचारों के दौरान शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा और पोषण की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ और संतुलित आहार न केवल मरीज को उपचार के दुष्प्रभावों से उबरने में मदद करता है बल्कि यह उनकी इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है।

सही पोषण उपचार में निभाता है एक सहायक भूमिका

उन्होंने कहा कि एक मरीज की डाइट में पौष्टिक भोजन जैसे हरी सब्जियां, ताजे फल, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि पोषण एक सहायक भूमिका निभाता है और यह मुख्य उपचार का विकल्प नहीं बन सकता। कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए आधुनिक चिकित्सा और डॉक्टर की सलाह का पालन करना जरूरी है।

कैसे होता है कैंसर का इलाज?

मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी ने कहा कि कैंसर का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कैंसर का प्रकार, उसकी स्टेज, ट्यूमर की स्थिति और मरीज की शारीरिक स्थिति। उन्होंने बताया कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों की मदद से कैंसर के शुरुआती चरण में 80% से अधिक मामलों में इलाज संभव है। यहां तक कि स्टेज-3 और स्टेज-4 के मामलों में भी लगभग 50% मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

डॉ. चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि कैंसर का इलाज एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई तरह की जांच और उपचार शामिल होते हैं। कैंसर के प्रकार और मरीज की स्थिति के आधार पर डॉक्टर उपचार की योजना बनाते हैं जिसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।

डॉक्टरों ने दी भ्रामक दावों से बचने की सलाह

डॉ. चतुर्वेदी और अन्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की कि वे ऐसे भ्रामक दावों पर विश्वास न करें जिनमें वैज्ञानिक प्रमाणों और तथ्यों का अभाव हो। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए सही जानकारी और विशेषज्ञों की सलाह बेहद जरूरी है। किसी एक पद्धति या घरेलू उपाय को इलाज का एकमात्र विकल्प मानना खतरनाक हो सकता है।

जादुई फॉर्मूले से नहीं होता कैंसर का इलाज

उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज किसी जादुई फॉर्मूले से नहीं होता। यह एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज हमेशा एक सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत ही किया जाता है। इसलिए, ऐसे दावों से गुमराह न हों और अपनी स्वास्थ्य स्थिति के लिए हमेशा योग्य डॉक्टर की सलाह लें।

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