अयोध्या: अयोध्या में इस वर्ष का दीपोत्सव पहले से भी अधिक भव्य और आकर्षक होने वाला है, जिसके लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। शहर को दीपों से सजाने और रोशनी से जगमगाने की व्यवस्था की जा रही है, जहाँ लगभग दो किलोमीटर तक दीपों की आभा बिखरेगी। यह आयोजन रामपथ से लेकर धर्मपथ तक फैला होगा, और रामायण युग के दृश्य प्रस्तुत करने के लिए विशेष गेट बनाए जा रहे हैं। राम की पैड़ी पर लक्ष्मण और सीता द्वार का निर्माण अंतिम चरण में पहुँच चुका है। अयोध्याधाम को 25 अक्तूबर तक पूरी तरह से सजाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे दीपोत्सव के दौरान पूरे शहर में एक अद्वितीय रोशनी और भव्यता का माहौल होगा।
दीपोत्सव का मुख्य उद्देश्य उस आनंदमय क्षण को पुनर्जीवित करना है जब भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उस समय अयोध्या को जिस प्रकार सजाया गया था, उसी प्रकार की सजावट इस वर्ष के आयोजन में देखने को मिलेगी। अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को हर जगह रामायण युग की झलक देखने को मिलेगी। इस पूरी व्यवस्था के लिए लखनऊ की ताज रेडियो एंड इलेक्ट्रिक कंपनी को लाइटिंग का जिम्मा सौंपा गया है। रामपथ और धर्मपथ पर रोशनी की भव्य व्यवस्था की जा रही है। सजावटी दीवारें, इलेक्ट्रिक गेट, और आर्टिफिशियल लाइट्स से पिलरों और पूरे क्षेत्र को सजाया जाएगा। इसके साथ ही रामकथा पर आधारित लगभग 30 भव्य प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे, जो रामकथा के दृश्यों को दर्शाएंगे। सरयू के घाटों पर भी सुंदर तोरण द्वार बनाए जाएंगे जो घाटों की शोभा और बढ़ाएँगे। साथ ही दीपोत्सव के दौरान सरयू के पुराने पुल पर आतिशबाजी का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। जो इस पूरे आयोजन में और अधिक रंग भर देगा।
रामायण के विभिन्न प्रसंगों को प्रदर्शित करेंगी झांकियां
दीपोत्सव के दौरान 18 विशेष झांकियां निकाली जाएंगी, जो रामायण के विभिन्न प्रसंगों को प्रदर्शित करेंगी। पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव के अनुसार, सूचना और पर्यटन विभाग द्वारा इन झांकियों को तैयार किया जा रहा है। 30 अक्तूबर को साकेत महाविद्यालय में रामायण काल के प्रसंगों का मंचन किया जाएगा। इसमें 11 झांकियां सूचना विभाग और 7 झांकियां पर्यटन विभाग की ओर से तैयार की जाएंगी। इन झांकियों में रामायण के प्रसंगों के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी प्रस्तुत किए जाएंगे, जो दर्शकों के लिए न सिर्फ मनोरंजक बल्कि शिक्षाप्रद भी होंगे।
विदेशी रामलीला का होगा आयोजन
इसके अलावा, इस दीपोत्सव के दौरान छह देशों की रामलीला का भी आयोजन किया जाएगा। विभिन्न प्रदेशों से लगभग 600 कलाकार अपने-अपने क्षेत्रों की लोक संस्कृतियों की प्रस्तुति देंगे। साकेत महाविद्यालय में विशेष झांकियों के साथ-साथ कलाकार अपने नाट्यकला का प्रदर्शन करेंगे। अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक मंच बनाए जाएंगे, जहाँ लोक संगीत, नृत्य और नाट्य कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिससे दीपोत्सव का माहौल और अधिक जीवंत और रंगीन हो जाएगा।
श्रीराम, सीता व लक्ष्मण द्वार जल्द ही बनकर होगा तैयार
राम की पैड़ी इस बार दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण होगी, जहाँ 15,000 लोगों की दर्शक क्षमता वाली एक विशाल दीर्घा बनाई जा रही है। राम की पैड़ी पर श्रीराम, सीता और लक्ष्मण द्वार विशेष रूप से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगा। इस द्वार पर रामकथा के महत्वपूर्ण प्रसंगों को उकेरा गया है, जिससे श्रद्धालु भगवान श्रीराम के जीवन की झलक पा सकेंगे। पैड़ी की सजावट भी अद्वितीय होगी, जहाँ हर एक दीवार पर 250 वर्ग मीटर के क्षेत्र में रामकथा को चित्रित किया गया है। इस दर्शक दीर्घा की सीढ़ियाँ भी तैयार हो चुकी हैं, जहाँ से श्रद्धालु आराम से दीपोत्सव का आनंद उठा सकेंगे। इसके अलावा, सरयू के घाटों पर होने वाली आरती की तैयारियाँ भी शुरू हो गई हैं, जहाँ श्रद्धालु आरती के माध्यम से अपनी आस्था प्रकट करेंगे।
ऑनलाइन दीपदान करने की व्यवस्था, घर तक पहुंचेगा प्रसाद
दीपोत्सव के इस विशेष अवसर पर, उन श्रद्धालुओं के लिए भी सुविधा दी जा रही है जो अयोध्या नहीं पहुँच सकते। इस बार ऑनलाइन दीपदान की व्यवस्था की गई है, जिससे देश-विदेश में बैठे श्रद्धालु भी इस महापर्व का हिस्सा बन सकते हैं। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा "एक दीया प्रभु श्रीराम के नाम" कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है, जिसमें श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से दीपदान कर सकते हैं। दान की गई राशि के बदले में, श्रद्धालुओं को प्रसाद भेजा जाएगा, जिसे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा निर्मित किया जाएगा। इसके लिए श्रद्धालु "दिव्य अयोध्या डॉट कॉम" लिंक पर जाकर अपने स्वेच्छानुसार राशि का दान कर सकते हैं और इस महापर्व में अपनी सहभागिता दर्ज कर सकते हैं