8 साल की मासूम बच्ची की हार्ट अटैक से मौत: खेलते वक्त सीने में हुआ था दर्द और डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले ही...? जानें पूरी खबर
8 साल की मासूम बच्ची की हार्ट अटैक से मौत

अलीगढ़: दरअसल शनिवार रात एक 8 साल की बच्ची दीक्षा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह अपने घर में खेल रही थी जब अचानक उसके सीने में तेज दर्द हुआ। दर्द से परेशान होकर वह जोर-जोर से चीखने लगी और कुछ ही देर में बेहोश हो गई। परिवार वाले उसे फौरन एक निजी डॉक्टर के पास ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई।

क्लास 3 में पढ़ती थी दीक्षा

दीक्षा ग्रीन वैली कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। परिजनों के मुताबिक वह बिल्कुल स्वस्थ थी और स्कूल के वार्षिकोत्सव में डांस परफॉर्मेंस को लेकर बेहद उत्साहित थी। उसने परिवार से कहा था कि रविवार को उसका डांस देखने जरूर आएं। इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है क्योंकि इतनी छोटी उम्र में हार्ट अटैक की उम्मीद किसी को नहीं थी।

परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से किया इनकार

दीक्षा की मौत के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि परिवार ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि दीक्षा पूरी तरह स्वस्थ थी और वे किसी कानूनी प्रक्रिया में नहीं पड़ना चाहते। पुलिस ने परिवार की बात मानकर मामला बंद कर दिया।

स्कूल के वार्षिकोत्सव में डांस को लेकर थी उत्साहित

दीक्षा स्कूल के वार्षिकोत्सव में अपनी डांस परफॉर्मेंस के लिए बहुत उत्साहित थी। घर पर भी वह कई दिनों से लगातार डांस की प्रैक्टिस कर रही थी। उसने अपनी ड्रेस भी तैयार कर ली थी और अपने परिवार से कार्यक्रम में आने का आग्रह भी किया था।

एक दिन पहले ही 14 साल के बच्चे की हार्टअटैक से हुई थी मौत

इससे पहले शुक्रवार को 14 साल के मोहन चौधरी की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह छर्रा थाना क्षेत्र के सिरौली गांव का रहने वाला था। सुबह 6 बजे वह स्कूल की एक प्रतियोगिता के लिए दौड़ की प्रैक्टिस कर रहा था। दौड़ते समय दो चक्कर लगाने के बाद वह अचानक गिर गया और बेहोश हो गया। उसके साथियों ने यह खबर उसके परिवार को दी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बच्चों और युवाओं में भी दिल की समस्याओं को गंभीरता से ले: हृदय रोग विशेषज्ञ

इन घटनाओं ने बच्चों में दिल की बीमारियों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अवधेश शर्मा ने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते। सीने में दर्द के अलावा, अपच, मतली, उल्टी, सीने में जलन और नींद न आने जैसे लक्षण भी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि यदि समय पर इन लक्षणों की पहचान हो जाए तो इलाज आसान हो सकता है। बच्चों और युवाओं में भी दिल की समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

बच्चों में बढ़ रही है दिल की बीमारियां

इन घटनाओं ने इस बात पर जोर दिया है कि हृदय रोग केवल बड़े लोगों तक सीमित नहीं हैं। आजकल बच्चों और किशोरों में भी दिल की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इसका कारण अनियमित जीवनशैली, गलत खानपान और तनाव हो सकता है। ऐसे में बच्चों की स्वास्थ्य निगरानी और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

ये घटनाएं एक गंभीर चेतावनी हैं कि दिल से जुड़ी समस्याओं को किसी भी उम्र में हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय पर चिकित्सा सलाह और सही जीवनशैली अपनाकर इस खतरे को कम किया जा सकता है।