गंभीर के आते ही बैकफुट पर टीम इंडिया: न्यूजीलैंड से मिली 3-0 की हार से भारत हो सकता है वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से बाहर?
गंभीर के आते ही बैकफुट पर टीम इंडिया

नई दिल्ली: भारतीय टीम ने इस साल टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर देशवासियों की उम्मीदें और विश्वास बढ़ाया था कि टीम का प्रदर्शन आगे और भी ऊंचाई पर जाएगा। इस विश्वास के पीछे एक बड़ा कारण टीम के कोचिंग स्टाफ में किया गया बदलाव था। टी20 वर्ल्ड कप के तुरंत बाद, भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अपना पद छोड़ दिया, और उनकी जगह पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को मुख्य कोच नियुक्त किया गया। गंभीर ने हाल ही में आईपीएल 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स को चैंपियन बनाकर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया था, इसलिए लोगों को उम्मीद थी कि वे भारतीय टीम को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, लेकिन अभी तक इसके विपरीत ही हुआ है। गंभीर के नेतृत्व में टीम इंडिया का प्रदर्शन अब तक निराशाजनक ही रहा है।

अपने शुरुआती कार्यकाल में ही गंभीर ने दिया फैन्स को झटका

बीसीसीआई ने गंभीर को 2027 तक का कार्यकाल दिया है, जिसका मतलब है कि वह अगले चार साल तक, यानी 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक भारतीय टीम के मुख्य कोच बने रहेंगे। लेकिन उनके कार्यकाल की शुरुआत ने फैंस की उम्मीदों को झटका दिया है। गंभीर का बतौर कोच कार्यकाल श्रीलंका दौरे से शुरू हुआ, जहां भारत ने टी20 और वनडे दोनों सीरीज खेली। इस दौरे पर भारत ने टी20 सीरीज में तो जीत हासिल की, लेकिन वनडे सीरीज में टीम को 2-0 की हार का सामना करना पड़ा। यह 27 साल बाद पहली बार था कि श्रीलंका ने भारत को वनडे सीरीज में हराया। वर्ष 2024 में भारतीय टीम एक भी वनडे सीरीज नहीं जीत पाई, जो पिछले 45 वर्षों में पहली बार हुआ है। इस नतीजे ने गंभीर के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बांग्लादेश के सामने भी लड़खड़ाई थी टीम इंडिया

श्रीलंका दौरे के बाद बांग्लादेश की टीम भारत दौरे पर आई। इस दौरान भारतीय टीम ने टी20 सीरीज में बेहतर प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश को 3-0 से हराया। इसके बाद टेस्ट सीरीज में भी भारत ने बांग्लादेश को 2-0 से मात दी। हालांकि, चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत के सामने मुश्किलें आ गई थीं। उस मैच में भारत की स्थिति खराब होती जा रही थी, लेकिन रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की साहसिक पारियों ने टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला। इस टेस्ट ने टीम की कमजोरियों को भी उजागर किया और साफ किया कि टीम को मजबूती से खेलना होगा।

न्यूजलैंड ने 3-0 से सीरीज जीत के रचा इतिहास

बांग्लादेश के बाद भारत को एक और बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, जब न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर आई। न्यूजीलैंड ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बड़ी हार का सामना किया था, इसलिए फैंस को उम्मीद थी कि भारतीय टीम अपने घर में कीवी टीम को हरा देगी। लेकिन परिणाम इसके बिल्कुल विपरीत रहा। न्यूजीलैंड ने इतिहास रचते हुए भारत को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। यह पहली बार था जब भारत को अपने ही घर में किसी टीम ने तीन या उससे अधिक मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया। न्यूजीलैंड ने इस सीरीज में पहली बार भारत में कोई टेस्ट सीरीज जीती और टीम के कप्तान टॉम लैथम की अगुआई में शानदार प्रदर्शन किया। पुणे और मुंबई टेस्ट में भारत के पास जीतने के लिए ढाई-तीन दिन का समय था, लेकिन टीम ने दोनों मैच गंवा दिए। इस हार के बाद टीम इंडिया की आक्रामक रणनीति पर सवाल उठे और गंभीर के कोचिंग में टीम की कमजोरी साफ दिखने लगी।

गंभीर की कोचिंग पर उठाए जा रहे है सवाल

अब गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने खिलाड़ियों का चयन किया है और फैसले लिए हैं, उस पर भी चर्चा हो रही है। खासकर ऑस्ट्रेलिया में होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भी गंभीर ने उन खिलाड़ियों को चुना है जिन्होंने टी20 क्रिकेट में अपनी ताकत दिखाई है, लेकिन टेस्ट में अभी तक खुद को साबित नहीं कर पाए हैं। उदाहरण के लिए, बांग्लादेश सीरीज में टी20 में चमकने वाले ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुना गया है, वहीं हर्षित राणा को भी टेस्ट टीम में शामिल किया गया है।

क्या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचेगी टीम इंडिया?

न्यूजीलैंड से भारत की करारी हार के बाद से गंभीर की रणनीति और कोचिंग पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। अब, अगर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहता है और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने का सपना टूटता है, तो गंभीर की आलोचनाएं और अधिक बढ़ सकती हैं। गंभीर के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, और टीम इंडिया के भविष्य को लेकर फैंस की उम्मीदें दांव पर हैं।

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