अभिनव बिंद्रा को मिला ओलंपिक का सर्वोच्च सम्मान: इंदिरा गांधी के बाद दूसरे भारतीय बने जिनको मिला ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड, भारत के लिए गर्व का पल?
अभिनव बिंद्रा को मिला ओलंपिक का सर्वोच्च सम्मान

भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) द्वारा ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें ओलंपिक आंदोलन में उनके अभूतपूर्व योगदान और खेल जगत में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया जा रहा है। यह सम्मान पेरिस में आयोजित 142वें IOC सत्र के दौरान, ओलंपिक खेलों के समापन से एक दिन पहले दिया जाएगा। इससे पहले भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 1983 इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जो इसे पाने वाली पहली भारतीय थीं।

क्यूँ दिया जाता है ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड?

ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड की स्थापना 1975 में की गई थी और इसे ओलंपिक का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने ओलंपिक खेलों के आयोजन या खेल को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई हो। यह सम्मान ओलंपिक आदर्शों को उजागर करने और खेल के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियों को हासिल करने वाले को मिलता है। यह पुरस्कार हर ओलंपिक खेलों के समापन समारोह के दौरान मुख्य आयोजकों और अन्य प्रमुख हस्तियों को प्रदान किया जाता है।

क्या होती है इसके नामांकन और चयन की प्रक्रिया?

ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड के लिए नामांकन ओलंपिक ऑर्डर काउंसिल द्वारा किया जाता है। काउंसिल का काम उन व्यक्तियों को पहचानना है जिन्होंने ओलंपिक के आदर्शों को अपनाया हो, खेल में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, या ओलंपिक के लिए विशेष सेवाएं प्रदान की हों। इसके बाद, IOC का कार्यकारी बोर्ड इन नामांकनों पर विचार करता है और अंतिम निर्णय लेता है।

अभिनव बिंद्रा की ऐतिहासिक उपलब्धियां

अभिनव बिंद्रा, जो 41 वर्ष के हैं, ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए ऐतिहासिक थी, बल्कि इससे भारतीय खेलों में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ। बिंद्रा की इस सफलता ने उन्हें एक राष्ट्रीय हीरो बना दिया और उन्होंने भारत में निशानेबाजी को एक नई पहचान दी।

खेल प्रशासन में बिंद्रा की भूमिका

इसके बाद, बिंद्रा ने खेल प्रशासन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 2010 से 2020 तक अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) की एथलीट समिति के सदस्य रहे और 2014 से इस समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने इस भूमिका में खेल के क्षेत्र में सुधार और एथलीटों के अधिकारों के लिए काम किया। बिंद्रा की नेतृत्व क्षमता और उनके खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। 2018 से वह IOC एथलीट आयोग के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं, जहां वह खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए अपने अनुभव और ज्ञान से योगदान दे रहे हैं।

भारत के लिए गर्व का क्षण

अभिनव बिंद्रा का ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड से सम्मानित होना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह भारत के लिए भी गर्व की बात है। उनके इस सम्मान से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी और भारत में खेल के विकास को नई दिशा मिलेगी। बिंद्रा की यह यात्रा बताती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और खेल के प्रति जुनून किसी भी खिलाड़ी को महान बना सकता है और वैश्विक स्तर पर पहचान दिला सकता है।


अभी तक ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित होने वाले लोग

1975: एवरी ब्रुंडेज - संयुक्त राज्य अमेरिका  
1980: लॉर्ड किलनिन - आयरलैंड  
1981: लॉर्ड एक्सेटर - यूनाइटेड किंगडम  
1981: पोप जॉन पॉल द्वितीय - वैटिकन सिटी  1981**: अमादु-मेहतर म'बो - सेनेगल  
1981: राजा ओलाव वी - नॉर्वे  
1982: पहांग के अहमद शाह - मलेशिया  
1983: इंदिरा गांधी - भारत  
1984: ब्रांको मिकुलिक - यूगोस्लाविया  
1984: फ्रांकोइस मिटर्रैंड - फ्रांस  
1984: पीटर यूएबेर्रोथ - संयुक्त राज्य अमेरिका  
1985: निकोले चाउसेस्कू - रोमानिया  
1985: एरिच होनेकर - पूर्वी जर्मनी  
1985: राजा जुआन कार्लोस - स्पेन  
1986: वान ली - चीन  
1986: राजा भूमिबोल अदुल्लाहागे - थाईलैंड  
1986: जनरल केनान एवरेन - तुर्की  
1986: टोडर झिवकोव - बुल्गारिया  
1988: प्रिंस रेनियर III - मोनाको  
1988: प्रिंस बर्टिल बर्नाडोट - स्वीडन  
1988: फ्रैंक एडवर्ड किंग - कनाडा  
1988: मारियो वेजक्वेज राना - मेक्सिको  
1988: पार्क सेह-जिक - दक्षिण कोरिया  
1989: राउल मोलेट - बेल्जियम  
1989: सम्राट अकिहितो - जापान  
1989: राफेल हर्नांदेज कोलोन - प्यूर्टो रिको  
1990: गुइलियो आंद्रेयोत्ती - इटली  
1991: जीन डी ब्यूमोंट - फ्रांस  
1991: योशीकी त्सुत्सुमी - जापान  
1991: विली ड्यूम - पश्चिम जर्मनी  
1992: पास्कल मैरागल - स्पेन  
1992: कार्लोस आर्थर नुज़मैन - ब्राजील  
1992: मिशेल बार्नियर - फ्रांस  
1992: जेवियर गोमेज-नवारो - स्पेन  
1992: जोस मिगुएल अबाद - स्पेन  
1992: जीन-क्लाउड किली - फ्रांस  
1992: जोर्डी पुजोल - स्पेन  
1992: लियोपोल्डो रोडेस - स्पेन  
1992: कार्लोस सेलिनास डी गोटारी - मेक्सिको  
1992: नार्सिस सेरा - स्पेन  
1992: जेवियर सोलाना - स्पेन  
1993: बोरिस येल्तसिन - रूस  
1994: गेरहार्ड हीबर्ग - नॉर्वे  
1994: रिचर्ड वॉन वीज़सेकर - जर्मनी  
1994: नेल्सन मंडेला - दक्षिण अफ्रीका  
1994: जोकिन लेगुइना - स्पेन  
1994: डॉ. मौनो कोइविस्तो - फिनलैंड  
1994: नॉर्वे के राजा हेराल्ड वी - नॉर्वे  
1994: नॉर्वे की रानी सोनजा - नॉर्वे  
1995: अर्पाद गोंज - हंगरी  
1995: रॉबर्ट मुगाबे - ज़िम्बाब्वे  
1996: बिली पायने - संयुक्त राज्य अमेरिका  
1996: कॉन्स्टेंटिनोस स्टेफानोपोलोस - यूनान  
1996: एडोल्फस ड्रूरी - संयुक्त राज्य अमेरिका  
1996: एंड्रयू यंग - संयुक्त राज्य अमेरिका  
1996: इस्लाम करीमोव - उज्बेकिस्तान  
1997: ब्लेज़ कॉम्पोरे - बुर्किना फासो  
1997: उमर बोंगो - गैबॉन  
1997: नूरसुल्तान नज़रबाएव - कजाखस्तान  
1997: इलायस ह्रावी - लेबनान  
1997: एर्नेस्टो जेडिलो पोंस डी लियोन - मेक्सिको  
1997: अलेक्जेंडर क्वास्नीव्स्की - पोलैंड  
1997: सुलेमान डेमिरेल - तुर्की  
1998: किम डे-जंग - दक्षिण कोरिया  
1998: जीन, लक्ज़मबर्ग के ग्रैंड ड्यूक - लक्ज़मबर्ग  
1998: ऐशिरो सैतो - जापान  
1999: एडुआर्ड शेवर्नडेज़ - जॉर्जिया  
2000: एडॉल्फ ओगी - स्विट्जरलैंड  
2000: लोवित्जा ओ'डोनोग्यू - ऑस्ट्रेलिया  
2000: जॉन कोट्स - ऑस्ट्रेलिया  
2001: सुल्तान कबूस बिन सईद अल सईद - ओमान  
2001: गोह चोक टोंग - सिंगापुर  
2001: व्लादिमीर पुतिन - रूस (28 फरवरी 2022 को वापस लिया गया)  
2001: जुआन एंटोनियो समरंच - स्पेन  
2001: अब्दुलाये वेड - सेनेगल  
2002: फ्रेजर बुलॉक - संयुक्त राज्य अमेरिका  
2002: जैक्स शिराक - फ्रांस  
2002: केबा एम्बाए - सेनेगल  
2002: मिट रोमनी - संयुक्त राज्य अमेरिका  
2003: एमिल लाहौद - लेबनान  
2003: जॉन हॉवर्ड - ऑस्ट्रेलिया  
2004: जियाना एंजेलोपोलोस - दस्कालाकी - यूनान  
2004: कोस्टास करमानलिस - यूनान  
2004: अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिका - अल्जीरिया  
2004: जोहान्स राउ - जर्मनी  
2004: मार्टिनोस सिमित्सेक - यूनान  
2005: थियोडोर एंजेलोपोलोस - यूनान  
2006: वैलेंटिनो कैस्टेलानी - इटली  
2007: कोफी अन्नान - घाना  
2008: लियू क्यूई - चीन  
2009: जैक पूल - कनाडा (मरणोपरांत सम्मानित)  
2010: एस. आर. नाथन - सिंगापुर  
2010: ली ह्सियन लूंग - सिंगापुर  
2010: जॉन फर्लांग - कनाडा  
2012: लॉर्ड कोए - यूनाइटेड किंगडम  
2012: लॉर्ड डेइटन - यूनाइटेड किंगडम  
2013: राजा विलेम-अलेक्जेंडर - नीदरलैंड  
2013: काउंट जैक रोग - बेल्जियम  
2013: राजा फिलिप VI - स्पेन  
2013: पोप फ्रांसिस - वैटिकन सिटी  
2013: शी जिनपिंग - चीन  
2014: डिमित्री चेर्नीशेंको - रूस (28 फरवरी 2022 को वापस लिया गया)  
2014: डिमित्री कोज़ाक - रूस (28 फरवरी 2022 को वापस लिया गया)  
2015: मार्गरेटा ऑफ रोमानिया - रोमानिया  
2016: कार्लोस आर्थर नुज़मैन - ब्राजील  
2018: ली ही-बेओम - दक्षिण कोरिया  
2018: फर्नांदो बोटेरो - कोलंबिया
2018: मून जेइ-इन - दक्षिण कोरिया
2018: मौरिसियो माक्री - अर्जेंटीना
2020: प्रोकोपिस पावलोपोलोस - यूनान
2020: शिंजो आबे - जापान
2021: सीको हाशिमोतो - जापान
2021: योशिहिदे सुगा - जापान
2021: युरिको कोइके - जापान
2022: सन चुनलन - चीन
2022: कै क्यूई - चीन
2022: अंद्रेजडूडा - पोलैंड

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