दिल्ली पर मंडरा रहा है धुंध का साया : पाकिस्तान में जल रही पराली से बढ़ सकता है वायु प्रदूषण का खतरा?
दिल्ली पर मंडरा रहा है धुंध का साया

दिल्ली: पाकिस्तान में जल रही पराली से प्रदूषण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि अभी दिल्ली-एनसीआर की हवा में इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा रहा है, लेकिन चिंता यह है कि पाकिस्तान के पंजाब से सटे क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में पराली जलाई जा रही है, जो सैटेलाइट से प्राप्त चित्रों में साफ नजर आ रही है। पूरे इलाके में पराली जलने के कारण सैटेलाइट इमेज में लाल रंग की चमक दिखाई दे रही है, जो इस बात का संकेत है कि वहां बड़े पैमाने पर पराली जलाई जा रही है। अगर हवाएं पछुआ और उत्तर-पश्चिम से 25-30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगती हैं, तो यह धुआं दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों तक पहुंच सकता है और वहां की हवा में धुंध छा सकती है।


हर साल सर्दियों में दिल्ली को झेलना पड़ता है वायु प्रदूषण

यह समस्या नई नहीं है, हर साल सर्दियों के मौसम में दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों को वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर का सामना करना पड़ता है। इस प्रदूषण की एक बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा धान की फसल काटने के बाद खेतों में पराली जलाने की प्रथा है। इस पराली के जलने से उठने वाला धुआं, हवा के साथ बहकर दिल्ली तक पहुंचता है, जिससे यहां वायु की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब तापमान अधिक होता है, तो यह धुआं ऊपरी वायुमंडल तक पहुंचता है, जहां हवा का दबाव कम होता है। यह ऊपरी सतह से गुजरने वाली हवाओं के साथ यात्रा करता है और जब यह दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में पहुंचता है, तो तापमान, नमी और हवा के दबाव जैसे कारकों के कारण यह हवा में घुलने लगता है और सतह पर प्रदूषण फैलाता है।

सैटेलाइट ने ली पाकिस्तान मे पराली जलाने की फोटो

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जा रही है। यह एक गंभीर स्थिति है, क्योंकि पहले से ही दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण से हालात खराब हो जाते हैं, और अब पाकिस्तान में जल रही पराली से भी इस प्रदूषण के बढ़ने का खतरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मौसम की परिस्थितियां प्रतिकूल रहीं, तो पाकिस्तान और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में जलने वाली पराली का धुआं दिल्ली की हवा को और जहरीला बना सकता है।

अगर पछुआ हवाएं चली तो दिल्ली मे प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा

डॉ. गुफरान बेग, जो कि वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाली संस्था सफर के संस्थापक रहे हैं, का कहना है कि अगर ऊपरी सतह पर हवा की गति 20-30 किमी प्रति घंटा होती है और उसकी दिशा पश्चिम से होती है, तो यह धुआं पंजाब के सीमावर्ती इलाकों से दिल्ली तक आसानी से पहुंच सकता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के पूर्व अतिरिक्त निदेशक मोहन जार्ज भी मानते हैं कि सर्दियों के दौरान, हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर होती है, और इससे सिंधु-गंगा के मैदानों पर प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली-एनसीआर के ऊपर धुआं जमा होने से वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है और यह हवा जहरीली हो जाती है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर के अंतिम पंद्रह दिनों में ही पंजाब में पराली जलाने के 129 मामले सामने आए थे। अगर यह सिलसिला जारी रहा और हवाओं की दिशा अनुकूल रही, तो दिल्ली-एनसीआर की हवा में इस पराली का धुआं मिलकर यहां प्रदूषण के स्तर को और अधिक गंभीर बना सकता है।